कांग्रेस को भी ले डूबे सिद्धारमैया, अति आत्मविश्वास पड़ा महंगा

कर्नाटक विधानसभा चुनाव की मतगणना के शुरुआती रुझानों में बीजेपी की जीत तय मानी जा रही है. कांग्रेस करारी हार की ओर आगे बढ़ रह रही है. ऐसे में विशेषज्ञों की राय में कांग्रेस और राहुल गांधी का कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया पर आंख बंद कर भरोसा करना महंगा पड़ा.

रुझानों में सिद्धारमैया दोनों सीटों बदामी और चामुंडेश्वरी पर संघर्ष करते द‍िखाई दे रहे हैं. बदामी में सीएम को बीजेपी के आदिवासी नेता श्रीरामुलू से उन्हें कड़ी टक्कर मिल रही है. वहीं चामुंडेश्वरी सीट पर सिद्धारमैया का मुकाबला जेडीएस के  जीटी देवगौड़ा और बीजेपी के एसआर गोपाल राव से है. चामुंडेश्वरी सीट पर सिद्धारमैया एक बड़ी हार की ओर बढ़ रहे हैं.

आपको बता दें कि कांग्रेस कर्नाटक में सत्ता बचाने में विफल रही है तो इसके पीछे एक वजह चुनावी रणनीति बनाने में सिद्धारमैया को खुली छूट देना भी शामिल है.

सिद्धारमैया के इन फैसलों पर दिया साथ

सत्‍ता में दोबारा लौटने के लिए सिद्धारमैया ने कई विवादित फैसले किए. कांग्रेस पार्टी ने इस सभी फैसलों पर सिद्धारमैया का साथ द‍िया. लिंगायत को अलग धर्म का दर्जा देने का मुद्दा हो या कन्नड़ अस्मिता की राजनीति, सिद्धारमैया ने हर दांव अपनी रणनीति के तहत चला. उन्होंने इस चुनाव को स्थानीय बनाम बाहरी बनाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी और वे लगातार पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर हमले करते रहे बजाय कि बीजेपी के सीएम कैंडिडेट येदियुरप्पा से उलझने के.

विपक्ष से मुकाबले के लिए भी सिद्धारमैया अकेले मैदान में डटे रहे. हर चुनाव में सिद्धारमैया के निशाने पर बीजेपी के सीएम उम्मीदवार बी एस येदियुरप्पा और पीएम मोदी थे. सिद्धारमैया अकेले दोनों से चुनावी रैलियों के साथ-साथ सोशल मीडिया में जंग लड़ते दिखे.

चुनाव में बीजेपी की रणनीति काम आई. बीजेपी येद‍ियुरप्‍पा को जरूर सीएम पद का चेहरा बनाया था, लेकिन उसने पीएम मोदी की लोकप्र‍ियता को खूब भुनाया. वहीं कांग्रेस का सिद्धारमैया को खुली छूट देने का दांव सफल नहीं रहा.

कर्नाटक में भले ही सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने तमाम रैलियां कीं. लेकिन कर्नाटक की जनता के सामने केवल सिद्धारमैया का चेहरा था. यही नहीं, उन मुद्दों पर चुनाव लड़ा गया जो पिछले 5 सालों में सिद्धारमैया ने कर्नाटक के लिए किया. अगर चुनाव में कांग्रेस की रणनीति देखी जाए तो उसने काफी हद तक सिद्धारमैया को फ्री हैंड दिया.

भ्रष्‍टाचार के आरोप

चुनाव में बीजेपी ने भ्रष्‍टाचार के मुद्दे पर सीएम सिद्धारमैया पर सीधा हमला बोला था. पीएम मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान बार-बार कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस सरकार भ्रष्टाचार के नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है. अब यहां से उसकी विदाई का वक्त आ गया है. वह सत्ता से बाहर होने के मुहाने पर खड़ी है. वहीं बीजेपी और मोदी ने ‘सीधा रुपैया’ शब्‍द से भी सीएम सिद्धारमैया की सरकार पर हमले किए थे.