मार्च महीने में औद्योगिक उत्पादन सुस्त रहने के बावजूद जनवरी-मार्च तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर 7.7 फीसदी रहने की उम्मीद है. बता दें कि इससे पिछली तिमाही में यह 7.2 फीसदी थी. वित्तीय सेवा प्रदाता नोमुरा ने यह अनुमान जताया है.
वित्तीय सेवा प्रदाता नोमुरा ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि मार्च में नरमी रहने के बाद भी जनवरी-मार्च में औसत औद्योगिक उत्पादन वृद्धि दर 6.2 फीसदी रही, जो कि चौथी तिमाही (अक्तूबर-दिसंबर) के 5.9 फीसदी से ज्यादा रहा.
रिपोर्ट में कहा गया है कि औसत औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि से पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) में औद्योगिक गतिविधियां मजबूत हुई हैं. इससे हमारे उस अनुमान को बल मिलता है, जिसमें हमें लगता है कि इस तिमाही में जीडीपी की रफ्तार साल-दर-साल के आधार पर 7.7 फीसदी पर पहुंच सकती है. इससे पहले वाली तिमाही में यह 7.2 फीसदी था .
नोमुरा ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि देश में निवेश और खपत का माहौल सुधरेगा. इससे देश में क्रमिक सुधार की उम्मीद है. इसके साथ ही फर्म ने कहा है कि कच्चे तेल के बढ़ते दाम और कठिन वित्तीय स्थिति के चलते वृद्धि दर में गिरावट रह सकती है. हालांकि निकट अवधि में वृद्धि परिदृश्य को लेकर हमारा नजरिया आशावादी है. हमें उम्मीद है कि आर्थिक वृद्धि को सुस्त करने वाली कठिन वित्तीय स्थिति एवं कच्चे तेल में तेजी का विपरीत प्रभाव आगे चलकर फीका पड़ जाएगा.’