अपनी दो शिष्याओं से रेप के जुर्म में जेल की सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम की काली करतूतों की राजदार उसकी मुंहबोली बेटी हनीप्रीत पर से देशद्रोह का आरोप हट सकता है. हनीप्रीत के अलावा पंचकुला में हिंसा में शामिल रहे राम रहीम के भक्तों पर से भी देशद्रोह के आरोप हटाए जा सकते हैं. जानकारी के मुताबिक, ऐसा उनके खिलाफ प्रामाणिक सबूत न मिलने के चलते होगा.
उल्लेखनीय है कि 25 अगस्त को पंचकुला की अदालत द्वारा राम रहीम को रेप का दोषी करार दिए जाने के बाद राम रहीम के भक्तों ने पंचकुला सहित देश के विभिन्न हिस्सों में जमकर हिंसा और आगजनी की थी. हनीप्रीत इंसा पर डेरा सच्चा सौदा के समर्थकों को हिंसा के लिए भड़काने का आरोप है.
हनीप्रीत इंसा और 14 अन्य डेरा समर्थकों के खिलाफ आईपीसी की धाराओं 150, 153, 121, 121ए और 120बी के तहत देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप में केस दर्ज हैं. आरोप है कि हनीप्रीत इंसा ने राम रहीम के नजदीकी रहे और अब तक फरार चल रहे आदित्य इंसा के साथ मिलकर डेरा समर्थकों की एक बैठक बुलाई थी, जिसमें कोर्ट द्वारा राम रहीम को सजा सुनाए जाने पर हिंसा फैलाने की रणनीति तैयार की गई थी.
पंचकुला की अदालत इससे पहले 53 डेरा समर्थकों के खिलाफ 19 फरवरी, 2018 को देशद्रोह का आरोप खारिज कर चुकी है. पुलिस द्वारा हिंसा फैलाने की साजिश में शामिल होने के सबूत या सीसीटीवी फुटेज मुहैया नहीं कराए जाने के चलते डेरा समर्थकों पर से देशद्रोह के आरोप हटा लिए गए थे. हालांकि इन 53 डेरा समर्थकों के खिलाफ अन्य मामलों में अभी भी केस दर्ज हैं. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ सबूत इकट्ठा करने में असमर्थता जताते हुए कोर्ट को बताया था कि डेरा सच्चा सौदा के कुछ हिस्सों तक पुलिस अब भी नहीं पहुंच सकी है. पंचकुला एक पुलिस कमिश्नर एएस चावला ने ‘आजतक’ को बताया कि राम रहीम के डेरा में उसकी गुफा के अंदर नहीं घुसा नहीं जा सकता. इसलिए वहां जाकर सबूत इकट्ठा करना बेहद मुश्किल है. उन्होंने बताया कि पुलिस की छापेमारी से पहले ही हो सकता है कि वहां से सारे सबूत मिटा दिए गए हों.