जम्मू-कश्मीर में सीजफायर खत्म होने से एक दिन पहले ही आतंकियों ने सेना के जवान औरंगजेब को मार दिया था. उनकी शहादत को पूरा देश सलाम कर रहा है. सोमवार को सेना प्रमुख बिपिन रावत औरंगजेब के परिवार से मिलने पहुंचे. उन्होंने परिवार वालों के साथ करीब आधे घंटे का समय बिताया.
दक्षिणी कश्मीर के शोपियां जिले में आतंकवादियों द्वारा अगवा किए जाने के बाद मार दिए गए राइफलमैन औरंगजेब को पुंछ जिले के सलानी गांव में भारत समर्थक और पाकिस्तान विरोधी नारों के बीच रविवार को सुपुर्द-ए-खाक किया गया. गमगीन माहौल के बावजूद जवान के परिवार में देश सेवा का हौसला बना हुआ है.
औरंगजेब के पिता और जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री के पूर्व सिपाही मोहम्मद हनीफ ने कहा, ‘‘मेरे बेटे ने देश के लिए अपना प्राण न्यौछावर किया, वह बहादुर जवान था. मैं और मेरे बेटे भी देश के लिए अपनी जान कुर्बान करने के लिए तैयार हैं.’’
औरंगजेब के चार भाइयों में सबसे छोटे 15 वर्षीय आसिम अपने भाई की हत्या से टूटे नहीं हैं और वह अपने बड़े भाई की तरह ही सेना में शामिल होना चाहते हैं.
औरंगजेब को जब अगवा किया गया उस वक्त आसिम उनसे फोन पर बात कर रहे थे.असिम ने कहा, ‘‘मेरा भाई निजी गाड़ी से पुंछ आ रहा था, वह मुझसे बात कर रहे थे. मैंने गाड़ी रूकवाने की आवाज सुनी. मुझे लगा कि कुछ जांच हो रही है, मुझे बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि मेरे निहत्थे भाई को आतंकियों ने अगवा कर लिया है. ’’
कैसे हुई थी औरंगजेब की हत्या?
14 जून की सुबह औरंगजेब ईद मनाने के लिए अपने राजौरी में स्थित अपने गांव जा रहे थे. इसी दौरान पुलवामा के कालम्पोरा से आतंकियों ने उनका अपहरण कर लिया था. 14 जून की शाम पुलिस और सेना के संयुक्त दल ने औरंगजेब का शव कालम्पोरा से करीब 10 किलोमीटर दूर गुस्सु नाम के एक गांव में बरामद किया था. उनके सिर और गर्दन पर गोलियां मारी गई थीं. कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक शहीद जवान की हत्या से पहले उन्हें टॉर्चर भी किया गया था.
जम्मू-कश्मीर में सीजफायर खत्म होने के बाद आतंकियों के खिलाफ एक बार फिर सेना का ऑपरेशन शुरू हो गया है. सोमवार सुबह सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर के बिजबेहारा में आतंकियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन शुरू किया. सीजफायर खत्म होने के बाद आतंकियों के खिलाफ यह सेना का पहला ऑपरेशन है.
बांदीपुरा में मारे दो आतंकी
इसके अलावा सोमवार को ही बांदीपुरा में चल रहे ऑपरेशन में सेना ने दो आतंकियों को मार गिराया है. इसी एनकाउंटर में ही सेना ने 14 जून को दो आतंकियों को ढेर किया था. इसमें एक जवान भी शहीद हुआ था. ये ऑपरेशन बांदीपुरा के जंगल इलाके में हुआ है, बताया जा रहा है कि यहां पर लश्कर आतंकियों का एक ग्रुप छुपा हुआ है.