यशवंत सिन्हा ने सर्जिकल स्ट्राइक वीडियो पर सवाल उठाते हुए इसकी जांच की मांग की

सर्जिकल स्ट्राइक के जारी वीडियो को लेकर विपक्ष और बीजेपी के बागी नेता मोदी सरकार को घेरते जा रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पूर्व नेता यशवंत सिन्हा ने सर्जिकल स्ट्राइक वीडियो पर सवाल उठाते हुए इसकी जांच की मांग की है.

इंडिया टुडे से बातचीत में पूर्व केंद्रीय मंत्री सिन्हा ने शुक्रवार को कहा, ‘मैं इस मामले में जांच की मांग करता हूं. सरकार को इसकी जांच-पड़ताल शुरू करनी चाहिए. यह वीडियो गोपनीय है और यह सिर्फ सरकार के पास हो सकती है. लेकिन किस सूत्र ने किस मकसद से इसे जारी किया है. इसकी पड़ताल जरूरी है.’

सिन्हा ने कहा, ‘सरकार को आधिकारिक तौर पर या खुद ही जारी करना चाहिए था. मगर दो साल बाद इस वीडियो का लीक किया जाना सवाल खड़े करता है. इससे नए सिरे से बहस और विवाद पैदा हो गया है. इसका (सर्जिकल स्ट्राइक) का सबूत अभी क्यों सामने आया है. जाहिर है लोकसभा चुनाव 2019 में लाभ लेने की नीयत से इसे जारी किया गया है.’

हालांकि सिन्हा ने यह भी कहा कि वह 2016 में किए गए सर्जिकल स्ट्राइक की वैधता पर सवाल नहीं उठा रहे हैं. उन्होंने सर्जिकल  स्ट्राइक पर बीजेपी नेता अरुण शौरी के रुख का समर्थन किया.  सिन्हा ने कहा, ‘जो कोई भी शख्स इस सरकार पर सवाल करता है, उस पर सवाल खड़ा कर दिया जाता है. सवाल पूछने की वजह से उसे राष्ट्र विरोधी बताया जाने लगता है. मैं अपने बहादुर जवानों और सर्जिकल स्ट्राइक की वैधता पर सवाल नहीं उठा रहा, लेकिन वीडियो को लीक किए जाने पर सवाल किया जाना चाहिए. सेना भी कह चुकी है कि उसके काम पर राजनीति नहीं किया जाना चाहिए.’

पूर्व बीजेपी नेता ने दोहराया कि पहले भी इस तरह के सर्जिकल स्ट्राइक किए गए हैं, लेकिन कभी भी इसे इस तरह से सार्वजनिक तौर पर प्रचारित नहीं किया गया है. बता दें कि यशवंत सिन्हा अटल बिहारी की अगुवाई वाली पूर्व की एनडीए सरकार में वित्त मंत्री रहे हैं. उन्होंने मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले पर भी सवाल उठाया. सिन्हा ने कहा, ‘ सरकार के सभी दावे फेल रहे हैं. अगर कार्रवाई की गई थी तो फिर स्विस बैंक में कालाधन कैसे बढ़ गया? नोटबंदी का फैसला लेते हुए दावा किया गया था कि इससे कालेधन और आतंकवाद पर रोक लगेगी. ऐसा कुछ हुआ क्या? विमुद्रीकरण अपना मकसद हासिल करने में नाकाम रही है.’