जेपी हॉस्पिटल में रेयर पैरासिटिक इन्फेक्शन से पीड़ित की सफलतापूर्वक सर्जरी
नॉएडा – जेपी हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने रेयर पैरासिटिक इन्फेक्शन से पीड़ित एक अफगानी नागरिक आरिफ रेजाया सफल ऑपरेशन कर नया जीवन दिया । हॉस्पिटल के न्यूरोसर्जरी सीनियर कंसलटेंट डॉ रोहन सिन्हा ने हॉस्पिटल के सीनियर सर्जन्स के साथ मिलकर क्रिटिकल स्पाइनल कोर्ड डीकम्प्रेशन व रिस्तोरेशन सर्जरी सफलतापूर्वक की।
डॉ रोहन सिन्हा ने बताया की मरीज हाईडेटेड डिजीज रोग से पीड़ित था , मरीज को गर्दन में असहाय दर्द रहता था । उसे खूब उल्टियाँ हो रही थी , दोनों हाथों में कमजोरी और चलने में परेशानी हो रही थी । टेपवर्म के कारण उनकी गर्दन और स्पाइन में बहुत अधिक इन्फेक्शन हो गया था । अगर उसका समय पर इलाज न किया गया होता तो उसकी मौत हो सकती थी । गर्दन के नीचे उनके शरीर का बायां भाग पूर्णतया पैरालाईसड हो चुका था ।
मरीज की सर्जरी मिनिमल इनवेसिव तकनीक से की गयी । सबसे पहले गर्दन में जमी भारी मात्रा में पस को निकाला गया । जून 2017 में मरीज की मेजर स्पाइनल सर्जरी की गयी जिसमे इन्फेक्टेड हड्डी को निकाल दिया गया और उसकी जगह मरीज की पेल्विक बोन का ग्राफ्ट लगाया गया । मरीज की सांस की नली में एक महीने तक *ट्रेकिओस्टोमी ट्यूब* लगाकर रखी गयी जिससे सुगमता से सांस ले सके । मरीज मुँह से खाना नहीं खा सकता था इसलिये उसके नाक से पेट में एक विशेष ट्यूब डाली गयी , जब तक मरीज पूर्णतया ठीक नहीं हो गया । दिसंबर 2017 में मरीज दोबारा चेकअप के लिए आया । जाँच में पाया उसकी गर्दन में फिर से पस बनने लगी है , और नई हड्डी , प्राकृतिक हड्डी से प्रॉपर मिल नहीं रही । मरीज को पुनः भर्ती कर पस निकाली गयी और हड्डी की पुनः ग्राफ्टिंग की गयी । मई 2018 में मरीज की जाँच करने पर पता चला की ग्राफ्ट की हुई प्राकृतिक हड्डी से मिल गयी है ।
आरिफ रेजाया ने बताया मैं डॉ रोहन सिन्हा और उनकी टीम का आभारी हूँ जिन्होंने मेरे ट्रीटमेंट को एक चैलेंज की तरह स्वीकार किया । जबकि अन्य अस्पतालों ने मेरे इलाज को मना कर दिया था । मैं जेपी हॉस्पिटलस का शुक्रगुजार हूँ जहाँ मुझे नया जीवन मिला । उन्होंने कहा मुझे भारतवासियो में अपनापन महसूस किया । उन्होंने कहा कि दोनों देशों की संस्कति एक जैसी है