दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय माकन के नेतृत्व में दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविन्द
केजरीवाल के निवास पर दिल्ली में प्रदूषण न फैलाने वाले उद्योगों की गैर कानूनी सीलिंग किए जाने के
खिलाफ कांग्रेस के हजारों कार्यकर्ताओं के साथ-साथ दिल्ली के छोटे-उद्योग धंधा चलाने वालों दुकानदारों तथा
व्यापारियों ने एक जोरदार प्रदर्शन किया।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय माकन ने कहा कि भाजपा की केन्द्र सरकार और आप पार्टी
की दिल्ली सरकार दोनों छोटे-छोटे मुद्दों पर कोर्ट में आपस में तो लड़ती है परंतु दिल्ली में 8,75,308 से भी
उपर चल रहे औद्योगिक संस्थानों पर पिछले कुछ महीनों से सीलिंग की लटक रही तलवार का कोई स्थायी
हल नही निकाल रही हैं।- अजय माकन
सत्ता में बैठी पार्टियों के नेताओं के निहीत स्वार्थ है जो चाहते है कि घरों में चल रहे ऐसे उद्योग धंधे भी बंद
हो जाए जो किसी भी प्रकार का प्रदूषण नही फैलाते ताकि इन नेताओं के द्वारा औद्योगिक क्षेत्रों में ली गई
सम्पतियों के दाम बढ़ जाए और वे मोटा माल कमा सके तथा चल रहे बड़े-बड़े माॅल को फायदा पहुचाया जा
सके। – अजय माकन
बडे़ दुख की बात है कि दिल्ली में ऐसे उद्योग धंधों को भी सील किया जा रहा है जो किसी भी प्रकार का
प्रदूषण नही फैलाते, जिसके कारण न सिर्फ व्यापारी बल्कि लाखों मजदूर बेरोजगार हो रहे हैं और भाजपा की
केन्द्र सरकार और आप पार्टी की दिल्ली सरकार दोनो मानिटरिंग कमेटी तथा कोर्ट के सामने तथ्यपूर्ण पक्ष
रखने में विफल रहे है।- अजय माकन
2006 में भी सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा गठित मानिटरिंग कमेटी ने सीलिंग शुरु करवाई थी, परंतु कांग्रेस की
यूपीए सरकार के समय छोटे व्यापारियों को राहत देने के लिए मास्टर प्लान में 72 बार संशोधन किए गए
और 5 बार संसद के द्वारा कानून बनाए गए, और अध्यादेश लाकर भी व्यापारियों को राहत दिलाई गई थी।-
अजय माकन
हाउस होल्ड इंडस्ट्री की लिस्ट में 121 उद्योगों को शामिल किया गया है, केन्द्र सरकार और अन्य ऐसे छोटे-
छोटे उद्योगों को जो किसी भी प्रकार का प्रदूषण नही फैलाते उनको हाउस होल्ट इंडस्ट्री की परिभाषा में डाला
में जाना चाहिए। ताकि उन उद्योगों पर लटक रही तलवार से बचाया जा सके।
हाउस होल्ड इंडस्ट्री की परिभाषा को आज के वर्तमान के समय के अनुसार बदला जाना जरुरी है, जिसमें कि 5
कर्मचारियों की जगह 11 कर्मचारी होने चाहिए और 5 किलोवाट की जगह 11 किलोवाट तक के उद्योगों को
इस परिभाषा में डालना चाहिए। – अजय माकन
नई दिल्ली, 31 अगस्त, 2018 – दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय माकन ने कहा कि भाजपा की
केन्द्र सरकार और आप पार्टी की दिल्ली सरकार दोनों छोटे-छोटे मुद्दों पर कोर्ट में आपस में तो लड़ती है परंतु
दिल्ली में 8,75,308 से भी उपर चल रहे औद्योगिक संस्थानों पर पिछले कुछ महीनों से सीलिंग की लटक रही
तलवार का कोई स्थायी हल नही निकाल रही हैं। श्री माकन ने कहा कि सत्ता में बैठी पार्टियों के नेताओं के निहीत
स्वार्थ है जो चाहते है कि घरों में चल रहे ऐसे उद्योग धंधे भी बंद हो जाए जो किसी भी प्रकार का प्रदूषण नही
फैलाते ताकि इन नेताओं के द्वारा औद्योगिक क्षेत्रों में ली गई सम्पतियों के दाम बढ़ जाए और वे मोटा माल कमा
सके तथा चल रहे बड़े-बड़े माल को फायदा पहुचाया जा सके।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय माकन के नेतृत्व में दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल
के निवास पर दिल्ली में प्रदूषण न फैलाने वाले उद्योगों की गैर कानूनी सीलिंग किए जाने के खिलाफ कांग्रेस के
हजारों कार्यकर्ताओं के साथ-साथ दिल्ली के छोटे-उद्योग धंधा चलाने वालों दुकानदारों तथा व्यापारियों ने एक
जोरदार प्रदर्शन किया। जिसमें प्रदर्शनकारियों हाथों में नारे लिखी तख्तियां सीलिंग बंद करो, वरना केजरीवाल गद्दी
छोड़ो आदि लिए हुए थे। प्रदर्शनकारियों में प्रदेश अध्यक्ष श्री अजय माकन, पूर्व सांसद सज्जन कुमार, रमेश
कुमार, दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री अरविन्दर सिंह लवली, हारुन यूसूफ, डा0 नरेन्द्र नाथ, अ0भा0क0कमेटी के
सचिव नसीब सिंह, मुख्य प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी, उतरी निगम में कांग्रेस दल के नेता मुकेश गोयल, पूर्व विधायक
मुकेश शर्मा, विपिन शर्मा, जय किशन, भीष्म शर्मा, सुरेन्द्र कुमार, मालाराम गंगवाल, हरी शंकर गुप्ता, विजय
लोचव, तरविन्दर सिंह मारवाह, अनिल भरद्वाज, वरिष्ठ नेता चतर सिंह, ब्रहम यादव, कैलाश जैन, ओम प्रकाश
बिधूड़ी, जगप्रवेश कुमार, जिला अध्यक्ष मौ0 उस्मान, विरेन्द्र कसाना, निगम पार्षद रिंकू, अ0भा0म0क0 की
महासचिव नीतू वर्मा, मुख्य मीडिया काआर्डिनेटर मेहदी माजिद, मीडिया काआर्डिनेटर शिवम भगत, अब्दुल वाहिद
कुरेशी मुख्य रुप से मौजूद थे।
प्रदर्शनकारियों को सम्बाधित करते हुए श्री अजय माकन ने कहा कि बडे़ दुख की बात है कि दिल्ली में ऐसे
उद्योग धंधों को भी सील किया जा रहा है जो किसी भी प्रकार का प्रदूषण नही फैलाते, जिसके कारण न सिर्फ
व्यापारी बल्कि लाखों मजदूर बेरोजगार हो रहे हैं और भाजपा की केन्द्र सरकार और आप पार्टी की दिल्ली सरकार
दोनो माॅनिटरिंग कमेटी तथा कोर्ट के सामने तथ्यपूर्ण पक्ष रखने में विफल रहे है। श्री माकन ने कहा कि भाजपा
की केन्द्र सरकार और आप पार्टी की दिल्ली सरकार दोनो मिलकर दिखावे के लिए नूरा कुश्ती लड़ते है, परंतु जब
दिल्ली के छोटे-छोटे व्यापारियों को सीलिंग से राहत दिलाने की बात आती है तो वे बहाने बनाकर अपना पल्ला
झाडने की कोशिश करते है।
श्री माकन ने कहा कि 2006 में भी सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा गठित माॅनिटरिंग कमेटी ने सीलिंग शुरु करवाई
थी, परंतु कांग्रेस की यूपीए सरकार के समय छोटे व्यापारियों को राहत देने के लिए मास्टर प्लान में 72 बार
संशोधन किए गए और 5 बार संसद के द्वारा कानून बनाए गए, और अध्यादेश लाकर भी व्यापारियों को राहत
दिलाई गई थी।
श्री माकन ने कहा कि 16 मार्च 2005 के भारत सरकार के राजपत्र की धारा 7.6.2-1 में यह प्रावधान है कि जिन
क्षेत्रों में 70 प्रतिशत से ज्यादा औद्योगिक धंधे चलाए जा रहे है और नान कन्फर्मिग एरिया में 4 हैक्टेयर का
क्षेत्रफल है वहा पर दिल्ली नगर निगम/दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा दोबारा विकास करने के लिए उन क्षेत्रों को
चुन सकती है। श्री माकन ने कहा कि इस पैमाने को लेकर बहुत सारे नए क्षेत्र जैसे कि विश्वास नगर, शास्त्री नगर,
त्रिनगर, सुदर्शन पार्क, गांधी नगर, सीलमपुर इत्यादि क्षेत्रों में गैर प्रदूषित उद्योगों को चलाने की इजाजत दी जानी
चाहिए। श्री माकन ने कहा कि मास्टर प्लान 2021 की धारा 7.6.2 में अनप्लानड औद्योगिक क्षेत्र के 20 जगहों
का रिडेवलेपमेन्ट दिल्ली सरकार ने किया था जहां पर 70 प्रतिशत से अधिक का औद्योगिक कंजेशन है। इस वर्ग
में प्रहलादपुर बांगर, मुडका व मुडका उद्योग नगर को 23.9.2013 को जोड़ा गया था।
श्री माकन ने कहा कि मास्टर प्लान 2021 की धारा 7.3 में रिहायशी जिसमें ग्रुप ए तथा गांव की आबादी जिसमे
ए़ ए1 में की जा रही सीलिंग को रोक कर सीलिंग राहत दी जानी चाहिए क्योंकि पहले से ही धारा 7.3 में इन क्षेत्रों
में औद्योगिक यूनिट चलाने की इजाजत दी गई है। हाउस होल्ड इंडस्ट्री की लिस्ट में फोटोस्टेट, साईक्लोस्टाईलिंग,
पैकेजिंग, वूल नीटिंग मशीन के साथ, जरी जरदोजी आदि उघोगों को चलाने की इजाजत है उनको भी सील किया
जा रहा है।
श्री माकन ने कहा कि हाउस होल्ड इंडस्ट्री की लिस्ट में 121 उद्योगों को शामिल किया गया है, केन्द्र सरकार और
अन्य ऐसे छोटे-छोटे उद्योगों को जो किसी भी प्रकार का प्रदूषण नही फैलाते उनको हाउस होल्ट इंडस्ट्री की
परिभाषा में डाला में जाना चाहिए। ताकि उन उद्योगों पर लटक रही तलवार से बचाया जा सके।
श्री माकन ने कहा कि हाउस होल्ड इंडस्ट्री की परिभाषा को आज के वर्तमान के समय के अनुसार बदला जाना
जरुरी है, जिसमें कि 5 कर्मचारियों की जगह 11 कर्मचारी होने चाहिए और 5 किलोवाट की जगह 11 किलोवाट
तक के उद्योगों को इस परिभाषा में डालना चाहिए।
श्री माकन ने कहा कि बवाना और नरेला औद्योगिक क्षेत्रों में 22000 प्लाट आवंटित किए गए थे उनको जल्द से
जल्द फ्रीहोल्ड किया जाना चाहिए। इन क्षेत्रों में सीलिंग के नोटिस उन लोगों को दिए जा रहे है जिन्होंने अपने
प्लाट या तो किराए पर दे रखे है या बेच दिए है या जिनके प्लाट खाली पड़े है या जिन्होंने अपना काम बदल
लिया है। श्री माकन ने कहा कि उदाहरण के लिए जिन लोगों को 1996 में प्लाट अलाट करते समय जो काम वे
कर रहे थे यदि वे आज दूसरा काम कर रहे है या करना चाहते है तो उनकी लीज़ खत्म हो जाएगी क्योंकि लीज
एग्रीमेन्ट में ऐसा करने की मनाही है। श्री माकन ने कहा कि दिल्ली सरकार की डीएसआईडीसी लीज कैंसिल करने
का नोटिस इन लोगों को भेज रही है।
श्री माकन ने कहा कि उन प्रदूषण न फैलाने वाले उद्योगों को काम करने की इजाजत दी जानी चाहिए जिनके पास
1.8.1990 से पहले काम करने के सबूत है। श्री माकन ने कहा कि 16.2.2006 को सर्वोच्च न्यायालय ने इन
उद्योगों को काम करने की इजाजत पहले से दी हुई थी।