उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा के गठजोड़ के काट के लिए बीजेपी ने ओबीसी मतों को साधने में जुटी है. पार्टी अपने जातीयसमीकरण को दुरुस्त करने के लिए ओबीसी के जातिवार सम्मलेन कर रही है. इसके लिए बीजेपी ने बकायदा एक लिस्ट तैयार किया है, जिसके आधार पर प्रदेश में हर जाति के सम्मेलन को अलग-अलग करने की योजना बनाई है.
2014 लोकसभा चुनाव जैसे नतीजे 2019 में दोहराने के लिए बीजेपी हरसंभव कोशिश में जुटी है. इसके लिए बीजेपी प्रदेश में ओबीसी समुदाय के बीच अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों और उपलब्धियों को गिना रही है.
बीजेपी इसी रास्ते के जरिए समाजवादी पार्टी के मूल वोटबैंक में यादव समुदाय में भी सेंधमारी की योजना बनाई है. वही, बसपा के अति पिछडे वर्ग के मतों को अपने साथ जोड़ने के प्रयास में लगी है. बीजेपी का जातिवार सम्मेलन पूरे सिंतबर के पूरे महीने चलेगा. हालांकि इन सम्मेलनों का आगाज अगस्त के महीने से चल रहा है.
– 5 अगस्त को लोधी किसान समाज सम्मेलन
– 6 अगस्त को भुर्जी समाज का सम्मेलन
– 7 अगस्त को निषाद, कश्यप, बिंद (मल्लाह) समाज का सम्मेलन
– 10 अगस्त को मोदनवाल (हलवाई) समाज सम्मेलन
– 11 अगस्त को जाट समाज का सम्मेलन
– 12 अगस्त को कुर्मी, पटेल, वर्मा, गंगवार समाज सम्मेलन
– 13 अगस्त को गिरी गोस्वामी समाज का सम्मेलन
– 14 अगस्त को चौरसिया समाज सम्मेलन
– 15 अगस्त को यादव समाज का सम्मेलन
ओबीसी की अन्य कई जातियों का सम्मलेन बीजेपी पिछले महीने ही कर चुकी है. तेली, साहू समाज, नाई, राठौर, विश्वकर्मा समाज सहित बघेल-पाल समाज पहले ही कर चुकी है.
बीजेपी ने जातिवार सम्मेलन के लिए डिप्टी सीएम केशव मौर्य के जिम्मेदारी सौंपी है. बकायदा प्रदेश के तमाम कार्यकर्ताओ और पदाधिकारियो को एक पत्र प्रदेश महामंत्री, पिछडा वर्ग मोर्चा के चिरंजीव चौरसिया की तरफ से भेजा गया है ताकि संबंधित जाति वर्ग के लोग ज्यादा ये ज्यादा संख्या में शामिल कराया जा सके.