बुरहानपुर। महाराष्ट्र से सटे मध्यप्रदेश के बुरहान जिले में एक अनोखी पहल हुई । जब पूरे
देश में बच्चों का कुपोषण एक मुद्दा बनता है तो हमारे देश के दूर- दराज इलाकों की एक अलग
तस्वीर ही उभर के सामने आती है, 8.2 की विकास दर से बढ़ते भारत की रफ्तार बेमानी सी
नजर आती है। कुपोषण से कैसे लड़ा जाए इसका उदाहरण मध्यप्रदेश की महिला एवं बाल
विकास मंत्री अर्चना चिटनिस ने लोगों के सामने बखूबी रखा है । उन्होंने बुरहानपुर जैसे छोटे
शहर से कुपोषण के खिलाफ जागरूक फैलाने की शुरूआत की है और उनकी इस शुरूआत में
यूनीसेफ और मीडिया बहुत अच्छे ढंग से उनका साथ निभा रहे हैं। राष्ट्रीय पोषण माह के
दौरान पोषण जनजागरण एवं मीडिया की भूमिका पर एक दिवसीय मीडिया संगोष्ठी का
आयोजन हुआ। जिसमें कुपोषण से कैसे लड़ा जाए और बाल अधिकारों से संरक्षण पर बात हुई ।
संगोष्ठी में दिल्ली से आए पत्रकार राजेश बादल और अजय सेतिया ने भी अपने विचार रखे
भोपाल के कई वरिष्ठ पत्रकारों ने भी अपने विचारों से बुरहान से स्थानीय पत्रकारों अवगत
कराया ।
कार्यशाला में मध्य प्रदेश सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनिस ने ‘मन का
पोषण-बुद्धि का पोषण और शरीर का पोषण विषय’ पर चर्चा करते हुए कहा कि दुनिया बहुत
तेजी से बदल रही है। तेजी से बदलती दुनिया से साथ तालमेल बैठाना भी एक चुनौती है।
जागरूकता के अभाव में अब ऐसे खाद् पदार्थ व पोषण परिपूर्ण व्यंजन आम जनमानस की
भोजन की थाली से दूर होते जा रहे है।
बाल अधिकार व महिला सुरक्षा की चुनौतियों नामक विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हूए
वरिष्ठ पत्रकार अजय सेतिया ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री अर्चना चिटनिस ने
बुरहानपुर से एक बड़े काम की शुरूवात की है। इस कार्य का शुभारंभ देश भर से होना चाहिए।
कार्यशाला में उन्होंने चाइल्ड वेलफेयर कमेटी कैसे कार्य करती है तथा बाल अधिकारों से
संबंधित विषयों पर कैसे समाचार लेखन हो इसकी जानकारी मौजूद पत्रकारों को दी। उन्होंने
कहा कि बाल अधिकारों से संबंधित विषय पर खबर लिखते समय हम पूरी तरह से न्याय नहीं
कर पाते। हमें इस पर ध्यान देने की जरूरत है।
यूनिसेफ भोपाल की अधिकारी सुश्री पुष्पा अवस्थी ने पोषण माह- हर घर पोषण का त्यौहार
नामक विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार द्धारा कई योजनाएं संचालित
है, जो कुपोषण को दूर करने में सहायक होगी। लेकिन जानकारी के अभाव में सरकारी योजनायें
आमजन मानस तक नहीं पहुंच पाती। जनता तक इन योजनाओं को पहुंचाने में मीडिया अहम
भूमिका निभा सकती है। कार्यशाला के दौरान उन्होंने मां और बच्चा कैसे स्वस्थ्य रहे इसके उपाय
बतायें।
कार्यशाला में वरिष्ठ पत्रकार राजेश बादल ने आंचलिक पत्रकारिता-संभावनाएं व चुनौतियां,
बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय भोपाल के महिला अध्ययन विभाग की विभागाध्यक्ष श्रीमती
आशा शुक्ला ने महिला सुरक्षा की चुनौतियां, बंसल न्यूज म.प्र. के रीजनल हेड शरद द्विवेदी ने
सोशल और इलेक्ट्रानिक मीडिया-स्वतंत्रता या स्वछंदता विषय पर, देवी अहिल्या
विश्वविद्यालय इंदौर के मास कम्यूनिकेशन विभाग की वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. सोनाली नरगुंदे ने
साक्षरता, मीडिया केन्द्रित समागम पत्रिका के संपादक मनोज कुमार और स्वतंत्र मत जबलपुर
के भोपाल ब्यूरो प्रमुख प्रेम पगारे ने आंचलिक पत्रकारिता के स्वरूप पर अपने- अपने विचार
व्यक्त किए। महिला एवं बाल विकास विभाग, बुरहानपुर द्धारा आयोजित इस कार्यशाला का
शुभारंभ महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनिस ( दीदी) और दिल्ली व भोपाल से आए
वरिष्ठ पत्रकारों ने दीप प्रज्जवलित कर किया। कार्यक्रम में शामिल लोगों को पोषण से सम्बंधित
जागरूकता को घर-घर तक पंहुचाने की शपथ दिलाई गई।