दिल्ली इंटरनेशनल आर्ट्स फेस्टिवल का समापन
दिल्ली सरकार के साथ मिलकर पांच दिनों के इस कार्यक्रम में हमने बहुत कुछ नया और खूबसूरत देखा या यह कहा जाए की इस तरह के कार्यक्रम बहुत ही कम देखने को मिलते है और इतनी बढ़िया परफॉरमेंस जो दिल और दिमाग को सुकून देती है और हमे सोचने पर मजबूर कर देती है की यह लोग वाकई वो कलाकार है जो छुपे हुए है और मुझे बहुत ख़ुशी है की हमारे मारवाह स्टूडियो में इतने बड़े कलाकार आये और उन्होंने बेहतरीन परफॉर्मन्स दी, और मुझे बहुत गर्व महसूस हो रहा है की इन कलाकारों से हमारे छात्रों को प्रेरणा और नया जोश मिला है यह कहना था दिल्ली इंटरनेशनल आर्ट्स फेस्टिवल के अंतिम दिन मारवाह स्टूडियो संस्करण में निदेशक संदीप मारवाह का। इस फेस्टिवल के अंतिम दिन बेल्जियम के कलाकारों की एक्रोबैटिक डांस आर्ट फ्यूज़न पर जानदार और शानदार परफॉरमेंस देखकर दर्शक मंत्रमुग्द हो गए।
इस अवसर पर आचार्य सत्येंद्र नारायण, सोनिया ढींगरा, पॉल, हरीश त्रिपाठी, डॉ गोपाला और कुचीपुड़ी डांसर गुरु मीनू ठाकुर उपस्थित हुए