Selective ‘secularist’ Naseeruddin should clear, Who is behind his utterances? नसीरुद्दीन शाह की संवेदना सलेक्टिव क्यों? किसके इशारे पर दिया यह बयान? : विहिप

Vinod Bansal

Selective ‘secularist’ Naseeruddin should clear, Who is behind his utterances?

      New Delhi, Dec 21, 2018. The Vishwa Hindu Parishad (VHP) today termed Naseeruddin Shah’s outburst on the Bulandshahar episode, a sponsored statement. The VHP said that Shah gets paid to act in films, so was this statement seems a sponsored one? Dr Surendra Jain, Jt Gen Secy of the VHP said that it is now crystal clear that the movement of the “Award-wapsi gang” was also a sponsored one on the same way. It is quite clear that there will be a series of such statements with the 2019 elections in sight. Opportunists, like these, will now start a campaign by giving such baseless statements. Naseeruddin Shah’s statement is not only politically motivated, but also utterly communal and has the potential to derail the environment of the nation. He warned that such people should not humiliate Hindus by demeaning the pious work of cow protection.

          Dr Jain asked why he did not show the same level of empathy with the Sikh victims of 1984 riots or the dastardly killings of Hindus in the Kashmir valley in 1990? Why was Naseeruddin Shah not angry when 59 Hindus got burnt alive in Godhra, which included women and children? In many Muslim dominated areas like Mallapuram, Hindu students bound to partake lunch in lavatories during the month of Ramzan. Is this not enough to exhort Naseeruddin Shah into action? why does his sensitivity not come into play then? When Ankit, Chandan, Prashant Pujari, Arun Mahor and the like were murdered by Jihadis, why his twitter account go to sleep? Why don’t any of these pseudo seculars speak against the jihadi mobs go on rampage and destroy the Shahid Smarak in his own city of Mumbai?

       Dr Jain also said that these film actors are bestowed with all the love by fans of Bharat mata. But, for a few selfish motives, they end up destroying the communal fabric of the same country. People like him will have to answer why they keep making statements which create tension between communities. Dr Jain said that by marrying Hindu women, these movie stars have only furthered the agenda of “love jihad.” These people want to take their children on the same path of love jihad by teaching the koran.

          VHP strongly condemns such statements and hopes that these people will not vitiate the atmosphere, like they did during the last general elections. VHP condemns all murders, be it that of a human being or a cow. But one must wait for the results of the investigation before coming to any conclusion. VHP also calls upon everyone not to play with the sentiments of the Hindus by demeaning the good work of cow protection.

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Vinod Bansal

प्रेस वक्तव्य :

नसीरुद्दीन शाह की संवेदना सलेक्टिव क्यों? किसके इशारे पर दिया यह बयान? : विहिप

     नई दिल्ली. दिसंबर 21, 2018. विश्व हिन्दू परिषद् का कहना है कि पैसे लेकर अभिनय करना नसीरुद्दीन शाह का पेशा है. बुलंदशहर की घटना पर दिया गया उनका बयान भी इसी प्रकार प्रायोजित लगता है. विहिप के संयुक्त महामंत्री डॉ सुरेन्द्र जैन ने आज कहा कि अब सबको स्पष्ट हो गया है कि पिछले चुनाव से पहले इसी प्रकार पुरस्कार वापसी ब्रिगेड का अभियान पूरी तरह प्रायोजित था. साफ लगता है कि2019 नजदीक आते-आते इस प्रकार के बयानों की श्रृंखला प्रारंभ होने वाली है. कई बरसाती मेंढक अपने निराधार बयानों को लेकर सामने आएंगे. परंतु नसीरुद्दीन शाह का ताजा बयान केवल राजनैतिक ही नहीं वल्कि घोर सांप्रदायिक व देश के माहौल को बिगाड़ने वाला भी है. उन्होंने चेताया कि ऐसे लोग गौरक्षा के कार्य को अपमानित करके हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने का दुस्साहस न करें.

       डॉ जैन ने पूछा कि 1984 में सिखों व 1990 में कश्मीर घाटी में हिंदुओं के नरसंहार के समय इनकी संवेदना व क्रोध क्यों प्रकट नहीं हुए थे? जब गोधरा में महिलाओं और बच्चों समेत 59 मासूम हिंदुओं को जिंदा जलाया गया था तब इनका क्रोध क्यों शांत हो गया था? मल्लापुरम जैसे कई मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में रमजान के अवसर पर हिंदू बच्चों को स्कूल के शौचालय में जाकर भोजन करना पड़ता है. क्या यह घटना किसी की संवेदनाओं को झकझोरने के लिए पर्याप्त नहीं है? अंकित, चंदन, प्रशांत पुजारी, अरुण माहोर जैसे सैकड़ों हिंदुओं की हत्या जिहाद के नाम पर कर दी जाती है तब क्यों इनका ट्विटर शांत हो जाता है? इन्हीं के शहर मुंबई के आजाद मैदान में जब उन्मादी जिहादियों की भीड़ हिंसा का नंगा नाच खेलती है और शहीद स्मारक को ध्वस्त कर देती है, तब इन कथित सेकुलर वादियों में से किसी एक की भी आवाज क्यों नहीं उठी? ऐसे कई प्रश्न है जिनके जवाब इन जैसे सेकुलर बिरादरी के लोगों को देने पड़ेंगे.

       विहिप महा मंत्री के यह भी कहा कि ये लोग देश की जनता के द्वारा सर माथे पर चढ़ाए जाते हैं. परंतु चंद स्वार्थों के कारण ये देश का माहौल खराब करते हैं.  इनको यह जवाब तो अवश्य देना होगा कि ये जिस देश में  रहते हैं और जिस देश ने उनको बड़ा बनाया है वे उसी देश को माहौल को तनावपूर्ण क्यों बनाना चाहते हैं? एक चुनी हुई सरकार को हटाने के लिए किसी राजनीतिक संरक्षण के कारण  क्यों वे देश में सांप्रदायिक तनाव  फैलाना चाहते हैं? देश के प्रति कुछ संवेदनशीलता की अपेक्षा इनसे अवश्य की जाती है अन्यथा यह मानना पड़ेगा की इन जैसे अभिनेताओं ने हिंदू महिलाओं के साथ विवाह करके लव जिहाद को ही साकार किया है. ये अपने बच्चों को कुरान का पाठ पढ़ा कर उसी जेहाद के मार्ग पर ले जाना चाहते हैं जिस मार्ग पर वे स्वयं चल रहे हैं.

       विश्व हिंदू परिषद इस तरह के बयानों की कठोरतम शब्दों में निंदा करती है और उम्मीद करती है कि पिछले चुनावों की तरह इस बार ये लोग देश के माहौल को खराब करने के लिए अपना कंधा नहीं सौंपेंगे. विहिप किसी भी हत्या की निंदा करती है, चाहे वह किसी मानव की हो या गौमाता की.  परन्तु गौरक्षा के संबंध में कोई भी टिप्पणी करने से पहले जांच के परिणाम की प्रतीक्षा करनी चाहिए. गौरक्षा के कार्य को अपमानित करके वे हिंदुओं की भावनाओं को आहत न करें.

जारी कर्ता :

विनोद बंसल