binod Takiawala
खसरा-रूबेला टीकाकरण अभियान-दिल्ली
दिल्ली,10 जनवरी 2019ः दिल्ली सरकार के परिवार कल्याण निदेशालय ने यूनिसेफ,डब्लयूएचओ और अन्य सहभागियों के सहयोग से दिल्ली में खसरा-रूबेला टीकाकरण अभियान पर राष्ट्रीय मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला का मकसद भारत में चल रहे खसरा-रूबेला टीकाकरण अभियान बावत मीडिया का संवेदीकरण करना और खसरा-रूबेला टीकाकरण अभियान को लेकर राज्य की तैयारियों के बारे में बताना था।
दिल्ली में यह अभियान 16 जनवरी 2019 को लांच होगा। पांच सप्ताह चलने वाले एमआर अभियान का उद्वेश्य 9 माह से लेकर 15 साल तक आयुवर्ग के करीब 55 लाख बच्चों को कवर करना है। इसमें दिल्ली के सभी 11जिलों के प्रीस्कूल बच्चे,स्कूली बच्चे (सरकारी व निजी) और स्कूल से बाहर वाले बच्चे शमिल हैं।
इस मीडिया कार्यशाला में हिस्सा लेने वालों में भारत सरकार के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय के उप कमिश्नर टीकाकरण डा. प्रदीप हलदर, दिल्ली सरकार के परिवार कल्याण निदेशालय की निदेशक डा. नुपुर मुंडेजा, दिल्ली सरकार के परिवार कल्याण निदेशालय की पीओ -टीकाकरण डा. रीना यादव, दिल्ली सरकार के परिवार कल्याण निदेशालय के डा. सुरेश सेठ ,यूनिसेफ के डा. भ्रिगु कूपरिया,डब्लयूएचओ के डा.पंकज भटनागर और राष्ट्रीय व प्रांत का मीडिया शमिल है। प्रिंट,ऑनलाइन व टीवी मीडियापर्सन उपस्थित थे।
भारत 2020 तक खसरा के खात्मे और रूबेला नियंत्रण/कंजाइटल रूबेला सिंड्रोम (सीआरएस) के लिए प्रतिबद्व है। दुनिया के अब तक के सब से बड़े टीकाकरण अभियान का उद्वेश्य 9 माह से लेकर 15साल की आयुवर्ग के अंदाजन 40 करोड़ बच्चों को कवर करना है। इस अभियान के दौरान बच्चों को खसरा-रूबेला (एमआर) का एक ही टीका दिया जाएगा। 2017 से जब से एमआरवी अभियान लांच किया गया,तब से अब तक इस अभियान के तहत 30 राज्यों व केंद्र शासित क्षेत्रों में करीब 20 करोड़ से अधिक बच्चे कवर किए जा चुके हैं।
स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय के उप कमिश्नर डा. प्रदीप हलदर ने कार्यशाला में कहा,‘ बच्चों की जिंदगियों और भविष्य को बचाने के लिए टीकाकरण सबसे प्रभावशाली और किफायती तरीकों ंमें से एक है। हाल ही में शुरू किया गया खसरा-रूबेला टीका,जोकि अभियान के दौरान स्कूलों,स्वास्थ्य सुविधाओं और आऊटरीच सेशन साइट पर मुफ्त मुहैया कराया जाएगा,हमारे लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में एक और कदम है।
यूनिसेफ,लायनस क्लब,रोटरी क्लब,आईएमए,डीएमए और आईएपी ने दिल्ली में एमआर अभियान के प्रति अपनी-अपनी सपोर्ट का इजहार किया है।सम्पादकों के लिए नोट्स टीकाकरण सबसे अधिक किफायती जन स्वास्थ्य हस्तक्षेपों में से एक है, जो वर्तमान में विश्वभर में सालाना करीब 20-30 लाख मौतों को टाल रहा है। दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान भरत में है। सबसे ज्यादा लाभार्थी,भूगोलिक कवरेज और इस्तेमाल होने वाले वेक्सिन की संख्या की दृष्टि से, हर साल करीब 2 करोड़ 60 लाख नवजात शिशुओं का टीकाकरण का लक्ष्य है। देशभर में सालाना हर साल 90 लाख से अधिक टीकाकरण सत्र आयोजित किए जाते हैं।
खसरा-रूबेला अभियान भारत के बाल्यावस्था टीकाकरण कार्यक्रम में रूबेला वेक्सिन को पहली मर्तबा शुरू करने को चिन्हित करती है। रूबेला जोकि आमतौर पर जर्मन खसरा के तौर पर उद्वृत की जाती है, यह एक हल्का संक्रमण है,लेकिन अगर यह गर्भवती महिला को हो जाए तो गंभीर परिणाम हो सकते हैं। भारत की नवीनतम एमआर वेक्सिन खसरा से भी बचाव करती है,जोकि छोटे बच्चों की मौत का एक बहुत बड़ा कारण है। यह अति संक्रामक है,यह खांसी से फैलता है और 2015 में दुनियाभर में खसरा से 134,200 मौतें हुईं। और इसमें से करीब 49,200 भारत में हुईं, करीब 36 प्रतिशत । जो बच जाते हैं,वे इससे होने वाली परेशनियों की चपेट में अधिक आ जाते हैं जैसे कि डायरिया व निमोनिया।
फोटो में इस मीडिया कार्यशाला में भारत सरकार के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय के उप कमिश्नर टीकाकरण डा. प्रदीप हलदर, दिल्ली सरकार के परिवार कल्याण निदेशालय की निदेशक डा. नुपुर मुंडेजा, दिल्ली सरकार के परिवार कल्याण निदेशालय की पीओ -टीकाकरण डा. रीना यादव, दिल्ली सरकार के परिवार कल्याण निदेशालय के डा. सुरेश सेठ ,यूनिसेफ के डा. भ्रिगु कूपरिया,डब्लयूएचओ के डा.पंकज भटनागर, डॉ संजय खन्ना, और लायंस क्लब के श्री जे पी सिंह उपस्थित थे।