04 फरवरी 2019, नई दिल्ली: भारत में ताइक्वांडो की प्रसिद्धि बढ़ाने के मकसद से कोरियन कल्चरल सेंटर ने स्पोर्ट्स ऑथोरिटी ऑफ़ इंडिया और ताइक्वांडो प्रमोशन फाऊंडेशन के साथ मिलकर ‘प्रथम कोरियन कल्चरल सेंटर डायरेक्टर्स कप ताइक्वांडो चैंपियनशिप’ का आयोजन किया| प्रतियोगिता के विजेता सेकंड आल इंडिया इंटर साई – कोरिया अम्बैस्डर कप ताइक्वांडो चैम्पियनशिप में हिस्सा लेंगे साथ ही नैनीताल और कोरिया में भी इन्हे ट्रैनिग दी जाएगी|
इंदिरा गाँधी स्टेडियम में आयोजित इस प्रतियोगिता में पूरे भारत से 570 खिलाडियों ने भाग लिया| प्रतियोगिता में लड़के और लड़कियों दोनों ने शानदार प्रदर्शनी देते हुए कुल 457 मैच खेले (लड़के -326, लड़किया – 131 मैच) और 168 मैडल जीते| दिल्ली के रवि कश्यप को बेस्ट रेफरी अवार्ड से नवाजा गया और ग्रैंड मास्टर ली व् नीरज कुमार को एक्सीलेंट मैनेजमेंट अवार्ड से नवाजा गया|
कार्यक्रम में किम कुम प्योंग – निदेशक कोरियन कल्चरल सेंटर, संजय सारास्वत- निदेशक स्पोर्ट्स ऑथोरिटी ऑफ़ इंडिया, चुंग ब्यूंगकी वाईस चेयर ऑफ़ एजुकेशन डिपार्टमेंट – प्रो ऑफ़ डिपार्टमेंट ऑफ़ ताइक्वांडो केमयुंग यूनिवर्सिटी, किम सिओन जंग – केमयुंग यूनिवर्सिटी, जिम्मी आर जकतैनी – टी एफ आई , आशीष पांडेय – औरिक सोलूशन प्राइवेट लिमिटेड शामिल रहे |
किम कुम प्योंग ने अब्दुल कलाम को याद करते हुए कहा की हमें बड़े सपने देखने चाहिए और उन सपनो को पूरा करने के लिये लगातार प्रयास और मेहनत करनी चाहिए साथ ही उन्होंने कहा की अपनी प्रतिद्वंदी को कभी अपना दुश्मन न समझे, प्रतिद्वंदी आपका साथी है जो आपको आगे बढ़ने में मदद करता है |
संजय सारास्वत ने कहा की साई और कोरिया कल्चरल सेंटर ताइक्वांडो को भारत में प्रचलित करने के लिए निरंतर प्रयास करते रहेंगे, यह सफर बहुत दूर तक जायेगा |
कोरियाई मास्टर ली ने कहा की भारत के खिलाडी बहुत ही अच्छे है और अंतराष्ट्रीय स्टार पर मेडल जीतने की क्षमता रखते है पर उन्हें अन्तराष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग की कमी है| खिलाडियों के साथ कोच और रेफरी की भी ट्रेनिंग की आवश्यकता है|
19 वर्षीय पृथ्वी राज चौहान अंडर 68 के जी कैटेगरी को गोल्ड मेडल विजेता ने कहा की इस गेम में चौकाने वाली बात थी ओक्टागनल अरीना का प्रयोग, जो की केवल अंतराष्ट्रीय खेलो में ही देखा गया है, भारत में पहली बार इसका प्रयोग हुआ है| 15 सालों से ताइक्वांडो का अभ्यास करने वाले इस खिलाडी का मानना है की भारत में खिलाडी को सही ट्रेनिंग देने की तैयारी अभी बहुत दूर है| खिलाडियों को अच्छे ट्रेनिंग के लिए सही उपकरण, आहार के लिए सही सलाह, मनोविज्ञानी, कंडीशनिंग और स्ट्रेंथनिंग कोच की आवयश्कता है| पृथ्वी ने अभी तक ३ अंतराष्ट्रीय खेल खेले है और आगे की ट्रेनिंग से अपने खेल में और भी अच्छा प्रदर्शन देना चाहता है |
आंध्र प्रदेश पुलिस टीम से आये एस राओ तुल्ली ने कहा की प्रतोयोगिता खिलाडिय आगे के खेलों को लिए खुद को ज्यादा तैयार कर पाएंगे| उन्होंने कहा की ताइक्वांडो ने उनकी जीवन को बदल दिया है, पुलिस की नौकरी भी उन्हें ताइक्वांडो से मिला है| आगे के दिनों में यह खेल मेडिकल , इंजीनियरिंग, एम.पीडी, बी.पीडी में भी सीट लाएगा | नैशनल और इंटर नैशनल खेल खेलने पर स्कूल और कॉलेजों में भी मार्क्स मिलते है|
Best Regards
Swati Ranjan