binod Takiawala
केंद्रीय दिव्यांग संस्थान के अध्यक्ष अमित कुमार ने केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री, गहलोत को “दिव्यांग माँगपत्र” सौंपा
माँगपत्र दिव्यांगों की सरकार से आशा, उम्मीद और अपेक्षाओं का दस्तावेज है।नई सरकार के लिए मोदी को दिया समर्थन, कहा, मोदी ही समाज के हर वर्ग की अपेक्षा और आकांक्षाओं की पूर्ति कर सकते हैंकेंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत से भारतीय दिव्यांग संगठन के अध्यक्ष अमित कुमार से मुलाकात कर उन्हें “दिव्यांग माँगपत्र” सौंपा। केंद्रीय मंत्री को सौंपे गए दिव्यांग माँगपत्र में दिव्यांगों की सरकार से आशा, उम्मीद और अपेक्षाओं का दस्तावेज है। मैनिफेस्टो में बीजेपी को पूर्ण रूप से समर्थन देने की घोषणा की गई और मोदी के नेतृत्व पर आस्था जताते हुए दिव्यांगों को राजनीति की मुख्यधारा में शामिल करने का आग्रह किया गया। हालांकि केंद्रीय मंत्री ने फिलहाल दिव्यांगों को राजनीतिक आरक्षण देने में असमर्थता जताई। अमित कुमार ने केंद्रीय मंत्री से चर्चा के बाद दिव्यांगों और अन्य दिव्यांग समितियों के लिए संदेश छोड़ा है कि राजनीतिक आरक्षण और सदन में कोटा पाने के लिए हम सबको एक होकर माहौल बनाना पड़ेगा। एकता और वोट की ताक़त के बल पर ही ये हासिल हो पाएगा। बिना राजनैतिक प्रतिनिधित्व के दिव्यांगों की समस्याओं का हल हो पाना असंभव है।गहलोत ने कहा कि बीजेपी ने दिव्यांगों को आगे बढ़ाने के लिए पिछले पांच साल में अभूतपूर्व कार्य किए हैं। केंद्र अब दिव्यांगों को सीधी सहायता और स्कॉलरशिप दे रही है। बिजनेस शुरू करने के लिए उन्हें कम ब्याज पर ऋण दिया जा रहा है। विकलांगों की नई श्रेणियां स्वीकार कर ली गई है। उन्हें रोज़गार देने पर सरकार सभी प्रतिष्ठानों को अतिरिक्त अनुदान दे रही है। दिव्यांग खिलाड़ियों को विशेष पैकेज बनाकर नकद इनाम दिए गए हैं, ताकि वे अपनी विकलांगता को पीछे छोड़ कर नई उपलब्धियों की ओर आगे बढ़ें। गहलोत ने कहा कि दिव्यांग उत्थान के लिए संगठन की मांगों पर सहानुभूति पूर्वक कारर्वाई की जाएगी। अमित कुमार ने संगठन के माँगपत्र समर्थन देने के लिए केंद्रीय मंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि देश को मोदी से बहुत उम्मीदें है क्योंकि उनके जैसा नेता ही समाज के हर वर्ग का उत्थान सुनिश्चित कर सकता है। मंत्री जी ने अमित कुमार को मंत्रालय की उपलब्धियों और योजनाओं को रेखांकित करती हुई प्रकाशित पुस्तकें उपहार स्वरूप दीं।
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