तुलसी निकेतन में कूड़े में ढेर में लगा डाली आग, धुएं में उड़े एनजीटी के आदेश

jai prakash

साहिबाबाद। प्रदूषण की मार झेल रहे एनसीआर में एनजीटी के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए कूड़े के अंबार में आग लगाने का सिलसिला जारी है जिससे उठने वाला दूषित धुआं प्रदूषण के हालातों में और भी इजाफा कर रहा है। कूूड़े के ढेर में आग लगाए जाने का ताजा मामला साहिबााबाद थाना क्षेत्र की तुलसी निकेतन चैकी से चंद कदमों की दूरी का है जहां शराब के ठेके के पास वाले मार्ग पर शनिवार की सुबह कूड़े के ढेर को कुछ लोगों ने आग लगा दी। इस आग की लपटों से इधर से गुजरने वाले लोग झुलसने से बच गए वहीं आग से उठने वाले काले धुएं ने आसपास के वातावरण को अपने आगोश में ले लिया। आए दिन यहां कूड़े में आग लगने से लोग प्रशासन की सजगता पर सवाल उठा रहे हैं।

शनिवार की सुबह तुलसी निकेतन चैकी के ठीक सामने शराब के ठेके के बगल में अचानक आग की लपटें देखकर लोगों में अफरा-तफरी मच गई। लोगों को लगा कि शायद कहीं कोई आगजनी हो गई है परन्तु मौके पर पहुंचे लोगों ने पाया कि शराब के ठेके के बगल वाले मार्ग पर कूड़ा का ढेर हैं जिसमें किसी ने आग लगा दी है। आग की लपटों के साथ उठते काले धुएं में एनजीटी के वे आदेश उड़ते दिखाई दिए जिसमें खुलेआम कूड़े को जलाने पर पांच हजार रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। कूड़े में कचरे के अलावा गन्ने की खोई ने आग की लपटों को विकराल बना दिया। स्थानीय निवासी पूजा सिंह का कहना है कि जिस मार्ग पर कूड़ा जलाया गया वहां मार्किट एरिया है और दुकानदार अपना कूड़ा-कचरा शराब के ठेके के बगल में मार्ग पर ही डाल देते हैं। कई-कई सप्ताह तक इस कूड़े को नगर निगम के सफाईकर्मियों द्वारा नहीं हटाया जाता जिससे दुर्गन्ध उठती रहती हैं। इसी वजह से कूड़ा के निस्तारण करने के लिए कुछ लोग सुबह के समय इसमें आग लगा देते हैं मगर आग लगाने से हालात और भी खराब हो जाते हैं क्योंकि दूषित व जहरीले दमघोटू धुएं से लोगों को अस्थमा व टीबी जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। पूजा सिंह प्रशासन की सजगता पर सवाल खड़े करते हुए कहती हैं कि एनजीटी के आदेशों का पालन कराने के लिए प्रशासनिक टीम की परिक्रमा औद्योगिक क्षेत्रों तक सीमित रहती है जबकि कालोनियों में मार्गों को डम्पिंग ग्राउंड में तब्दील कर देने के बाद असमाजिक तत्व कूड़े में आग लगा देते हैं जिस पर न तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों की नजर जाती है और नही प्रशासन गंभीर नजर आता है।