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गाजियाबाद नगर निगम का ठेकेदार अपनी निजी जिप्सी पर नगरनिगम गाजियाबाद लिख कर करता है चालान। इस्तेमाल की समय सीमा से बाहर निकली उसकी जिप्सी एनजीटी के आदेशों को दिखाती है ठैंगा।
जानकारी के अनुसार नगर गाजियाबाद का ठेकेदार अपनी निजी जिप्सी up14डी 4113 पर नगर निगम गाजियाबाद का बोर्ड लगाकर घूमता है और दूसरों को नियमों का उल्लंघन करने पर स्वयं चालान काट जुर्माना वसूल ता है। जबकि उसकी अपनी जिप्सी एनजीटी के नियमों को ठैंगा दिखा रही है। दरअसल एनजीटी का आदेश है कि दिल्ली एनसीआर में सड़क पर डीजल वाहनों के चलने की उम्र 10 वर्ष और पेट्रोल वाहनों के चलने की उम्र 15 वर्ष रहेगी। प्रदूषण की वजह से बनाए गए इस नियम में यह अदालत का सख्त आदेश है जो इस आदेश का उल्लंघन करेगा उसके बाद को जप्त कर बाल स्वामी पर मुकदमा चलाया जाएगा और उससे जुर्माने के रूप में रघु अलग से वसूली जाएगी । यह देखने की जिम्मेदारी परिवहन विभाग , यातायात पुलिस , नगर निगम और सामान्य जिला प्रशासन को दी हुई है ।इस मामले की शिकायत का संज्ञान लेते हुए मोहन नगर के जोनल प्रभारी एसके गौतम ने ठेकेदार को अपनी जिप्सी नगर निगम के जोनल कार्यालय मोहननगर में जमा कराने के निर्देश दिए हैं ।
गौरतलब है कि गाजियाबाद नगर निगम ने बलराम कसाना नाम के एक व्यक्ति को नगर निगम गाजियाबाद के क्षेत्र में अवैध रूप से चलने वाले को से जुर्माना वसूलने और जुर्माना न देने की स्थिति में वाहन को जप्त करने का काम दे रखा है। जिसका काम यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों का चालान कर जुर्माना वसूला है। इस ठेकेदार के कई बाहन व क्रेन इस काम के लिए लगाई हुई है जो गलत पार्क किए गए ट्रक बस तथा अन्य वाहनों को पकड़ कर जुर्माना वसूलते हैं। नगर निगम गाजियाबाद की सीमा में चलने वाली रिक्शा ठेली ट्रक,बस आदि से नगर निगम की ओर से राजस्व वसूलते हैं ।सच्चाई यह भी है कि ठेकेदार के कर्मचारी जिस मारुति जिप्सी मैं बैठकर यह जुर्माना वसूलते हैं वह एनजीटी के नियमों के हिसाब से दिल्ली एनसीआर की सड़कों पर चलने के योग्य नहीं है। एनजीटी का आदेश है कि 15 साल पुराने पैट्रोल बाहन दिल्ली एनसीआर की सड़कों पर नहीं चलने चाहिए तब नियमों का पाठ पढ़ाने वाले इस ठेकेदार की जिप्सी 24 साल के बाद भी क्यों चल रही है ।अगर बाहन चलते भी हैं तो उन वाहनों को सीज कर उनसे अर्थदंड बसूला जाय तथा मालिक का चालान कर दिया जाए। और इस कानून को लागू करने की जिम्मेदारी गाजियाबाद की यातायात पुलिस, परिवहन विभाग तथा सामान्य पुलिस प्रशासन की है।
इस मामले में नगर निगम गाजियाबाद के ठेकेदार बलराम कसाना का अजीब दलील थी उसका कहना है क्या घर का कोई आदमी बुड्ढा हो जाए तो उसे घर से बाहर निकाल दिया जाएगा। वह तो पुरानी गाड़ी को रोड पर चला कर वाहन का सदुपयोग कर रहा है।