तप और साधना में पीड़ा होती है किंतु उसका सुख अलौकिक है :माँ विजया । बापू सभागार में आयोजित हुआ इस्सयोग का गुरु पूर्णिमा महोत्सव,दुनिया भर से हज़ारों इस्सयोगी ले रहें है भाग

विनोद तकिया वाला

पटना,१६ जुलाई। साधना,श्रद्धासमर्पण और सेवाइस्सयोग की चार सीढ़ियाँ हैं। साधना से श्रद्धा बढ़ती है। श्रद्धा से समर्पण और समर्पण से सेवा की भावना आती है। इनकी उपलब्धि यह है कि इससे साधक निखरता है,उसमें अलौकिक शक्तियाँ आती है और अहंकार समाप्त होता हैजिससे ब्रह्मसाक्षात्कार की सभी बाधाएँ समाप्त हो जाती हैं। साधना में पीड़ा होती हैकिंतु इससे जो आनंद प्राप्त होता हैवह अलौकिक है।

यह बातें आज यहाँ बापू सभागार मेंअन्तर्राष्ट्रीय इस्सयोग समाज के तत्त्वावधान में आयोजित गुरु पूर्णिमा महोत्सव में गुरूपूजन के पश्चात अपने आशीर्वचन में संस्था की अध्यक्ष और ब्रह्मनिष्ठ सद्ग़ुरुमाता माँ विजया जी ने कही। माताजी ने कहा कि,फूलों को सूई से गूँथा जाता है। कोई फूल जब चुभन का दर्द सहता हैतब उसे सुंदर हार का हिस्सा बनने की गौरवानुभूति होती है। 

माताजी ने कहा किइस्सयोगी साधकगण अब आध्यात्मिक दृष्टि से तेज़ी से आगे बढ रहे हैं। उनमें दिव्यशक्तियाँ आने लगी है। भारतीय समाज में आदिगुरु के रूप में प्रतिष्ठित महर्षि वेद व्यास जी के जन्मदिवस को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। आज के दिन शिष्य गुरुचरणों में अपनी श्रद्धा विशेष रूप से अर्पित करते हैं और उन्हें सद्ग़ुरु का विशेष आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। इसीलिए गुरुशिष्य परंपरा में यह एक विशिष्ट दिवस है।

महोत्सव का उद्घाटन श्रीमाँ द्वारा मंगलदीप प्रज्वलन कर किया गया। इसके पश्चात इस्सयोग के संस्थापक और ब्रह्मलीन सदगुरुदेव महात्मा सुशील की सूक्ष्मउपस्थिति हेतु आधे घंटे की आह्वानसाधनाकी गई। संस्था के उपाध्यक्ष बड़े भैय्या श्रीश्री संजय कुमार तथा संस्था के संयुक्त सचिव अभियंता उमेश कुमार नेसमस्त इस्सयोगियों के प्रतिनिधि स्वरूप यज्ञमान के रूप मेंगुरुपूजनकिया। संयुक्त सचिव दीनानाथ शास्त्री ने पुरोहित के रूप में पूजन संपन्न कराया।

गुरूपूजन के पश्चात एक घंटे का अखंड संकीर्तन किया गया। इस अवसर पर अपने उद्गार में पूज्य बड़े भैय्या ने कहा किपरम आराध्य सदगुरुदेव और गुरुमाँ ने हमें बड़ा ही दिव्यमार्ग प्रदान किया हैजिस पर हमें पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ आगे बढ़ना चाहिए। गुरुचरणों में हमारा समर्पण जितना बढ़ेगा हमें उतना हीं लाभ पहुँचेगा।इस अवसर पर संयुक्त सचिव छोटे भैय्या संदीप गुप्तालक्ष्मी प्रसाद साहूडा अनिल सुलभअनीता राजसरोज गुटगुटिया,महेंद्र सिंह,दीनानाथ शात्री,नीतीन साहूसुमन सुहासरिया तथा हरि पण्डा ने कार्यसमिति के अधिकारियों और सदस्यों के रूप में अपने उद्गार व्यक्त किए। 

महाप्रसाद के बाद संध्या ४ बजे इस्सयोग की आंतरिक साधना आरंभ करने के लिए आवश्यक शक्तिपातदीक्षा का कार्यक्रम आयोजित किया गयाजिसमें माँ विजया जी द्वारा सैकड़ों नवजिज्ञासुओं कोशक्तिपातदीक्षाप्रदान की गई।

इस अवसर संस्था की संयुक्त सचिव संगीता झारेणु गुप्तानीना दूबे,शिवम् झाअनंत कुमार साहूश्रीप्रकाश सिंहविजय रंजन ,माया साहूसुशील प्रजापतियुगल किशोर प्रसादसी एल प्रसादविनोद तकियावालादुर्गादास पण्डाए के खरे,प्रभात झाराजीव कुमार रंजन समेत दुनिया भर से आए सात हज़ार से अधिक इस्सयोगी उपस्थित थे।