गृह मंत्री श्री अमित शाह ने आज आईएनए के दिल्ली हाट में एक भव्य समारोह में राष्ट्रीय जनजातीय उत्सव ‘आदि महोत्सव’ का उद्घाटन किया। 15 दिनों तक चलने वाले (16 से 30 नवम्बर, 2019) महोत्सव में जनजातीय हस्तकला, संस्कृति, व्यंजन और कारोबार को दर्शाया जाएगा। इस अवसर पर केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा, जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्रीमती रेणुका सिंह, नगालैंड के जनजातीय कार्य मंत्री श्री तेमजेन इम्ना के साथ सांसद श्रीमती मीनाक्षी लेखी, श्री जुएल ओराम और श्रीमती एम.सी. मैरीकॉम, ट्राइफेड के अध्यक्ष श्री आर.सी. मीणा, जनजातीय कार्य मंत्रालय में सचिव श्री दीपक खांडेकर और ट्राइफेड के एमडी श्री प्रवीण कृष्ण भी उपस्थित थे।
अपने उद्घाटन भाषण में श्री अमित शाह ने देश में जनजातीय लोगों के विकास और उनके कल्याण के लिए पिछले पांच वर्षों में केन्द्र सरकार की अनेक नई सुधारात्मक पहलों के बारे में बताया। उन्होंने विशेष तौर पर एकलव्य मॉडल स्कूलों के विस्तार, वन अधिकार अधिनियम के तहत बड़ी संख्या में जनजातीय लोगों तक लाभ पहुंचाने, जनजातीय कार्य मंत्रालय की अनेक महत्वपूर्ण योजनाओं के लिए बजट में कई गुणा वृद्धि करने, जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के संग्रहालय खोलने तथा जनजातीय अनुसंधान संस्थानों के विस्तार जैसे उपायों के बारे में चर्चा की। गृह मंत्री ने पर्यावरण एवं संस्कृति के संरक्षण में जनजातीय समुदाय के महत्वपूर्ण योगदान के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि उज्ज्वला, आयुष्मान, स्वच्छता अभियान के तहत शौचालयों के निर्माण और घरों के निर्माण आदि जैसी सरकार की जनहितैषी पहलों से देश के जनजातीय समुदाय को लाभ मिला है।
गृह मंत्री और अन्य गणमान्य लोगों ने महान आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनकी जयंती कल मनाई गई थी। उन्होंने इस अवसर पर वन धन योजना के तहत कुछ नए जनजातीय उत्पाद भी लॉन्च किए।
अपने संबोधन में श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि जनजातीय लोगों से जुड़ना समय की मांग है, जो सच्चे अर्थों में प्रकृति प्रेमी हैं और प्रकृति के साथ जीना चाहते हैं। इस कार्यक्रम को जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्रीमती रेणुका सिंह, ट्राइफेड के अध्यक्ष श्री आर.सी.मीणा ने भी संबोधित किया।
(गृह मंत्री श्री अमित शाह दिल्ली हाट, आईएनए में दीप प्रज्ज्वलित कर ‘आदि महोत्सव’ का उद्घाटन करते हुए)
(गृह मंत्री श्री अमित शाह वन धन योजना के तहत जनजातीय उत्पादों की शुरूआत करते हुए)