प्रधानमंत्री ने कहा सरकार संसद में सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार है

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने संसद के मौजूदा सत्र को बहुत महत्‍वपूर्ण बताया है क्‍योंकि यह राज्‍यसभा का 250वां सत्र होने के साथ-साथ भारतीय संविधान अंगीकृत होने का भी 70वां वर्ष होगा। आज संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री मीडिया को संबोधित कर रहे थे। उन्‍होंने देश को प्रगति के मार्ग पर लाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए राज्‍यसभा की भी प्रशंसा की।

प्रधानमंत्री ने कहा, मित्रों यह वर्ष 2019 का अंतिम संसद सत्र है। यह इसलिए भी महत्‍वपूर्ण सत्र है क्‍योंकि यह राज्‍यसभा का 250वां सत्र भी है। राज्‍यसभा ने देश के विकास और प्रगति में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई है। 26 नवम्‍बर को देश 70वां संविधान दिवस मनाएगा। 26 नवम्‍बर 1949 को संविधान अंगीकृत किया गया था इसलिए इस वर्ष इसके 70 वर्ष पूरे हो रहे हैं।

उन्‍होंने कहा कि संविधान एक महान सिद्धांत है जो देश की एकता, अखंडता और विविधता को बरकरार रखता है। 26 नवम्‍बर को हम 70वां संविधान दिवस मना रहे हैं। इस तारीख को संविधान अंगीकृत होने के 70 साल पूरे हो रहे हैं। यह संविधान देश की एकता, देश की अखंडता और देश की विविधता को बरकरार रखता है। यह भारत के सौंदर्य को अपने आप में समेटे हुए है। यह देश को प्रेरणा देने वाली ताकत है। संसद का यह सत्र हमारे संविधान के 70 वर्षों के बारे में जनता को जागरूक करने का एक संसाधन बनना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने सभी सांसदों से पिछले सत्र की तरह विभिन्‍न चर्चाओं में सक्रिय और सकारात्‍मक रूप से भाग लेने का अनुरोध किया ताकि देश को उनकी चर्चाओं से सर्वोत्‍तम परिणाम हासिल हो सके और इन चर्चाओं का देश की प्रगति और कल्‍याण के लिए उपयोग किया जा सके। पिछले कुछ दिनों के दौरान हमें लगभग सभी दलों के विभिन्‍न नेताओं से मिलने का अवसर मिला है। नई सरकार के गठन के तुरंत बाद आयोजित पिछले सत्र की तरह इस सत्र में भी सभी सांसदों की सक्रिय और सकारात्‍मक भागीदारी होनी चाहिए।

पिछले सत्र के दौरान अप्रत्‍याशित उपलब्धियां प्राप्‍त हुईं। मैं गर्व के साथ सार्वजनिक रूप से यह स्‍वीकार करता हूं कि ये उपलब्धियां ना तो सरकार की हैं और ना ही सरकारी खजाने की बल्कि ये उपलब्धियां पूरी संसद की हैं और सभी सदस्‍य ही इनके असली हकदार हैं। मैं एक बार फिर सभी सदस्‍यों का उनकी सक्रिय भागीदारी के लिए आभार व्‍यक्‍त करता हूं और मुझे उम्‍मीद है कि इस सत्र में भी दे श की प्रगति के लिए नए उत्‍साह के साथ काम किया जाएगा।

हम सभी मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं। यह भी बहुत जरूरी है कि मुद्दे के पक्ष और विपक्ष में अच्‍छी बहस हो और देश की बेहतरी और कल्‍याण के लिए चर्चाओं के निष्‍कर्षों का बेहतरीन समाधानों के रूप में उपयोग हो। मैं सभी सदस्‍यों को शुभकामनाएं देता हूं।