भारतीय नौसेना और कतर की शाही नौसेना के बीच 17 से 21 नवम्बर, 2019 तक दोहा के निकट ‘ज़ायर-अल-बह्र’ (सागर की दहाड़) आयोजित किया जा रहा है। अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए भारतीय नौसेना की गाईडेड मिसाइल स्टेल्थ फ्रीगेट आईएनएस त्रिकंड और गश्ती हवाई जहाज पी8-I दोहा पहुंच गये हैं। ‘ज़ायर-अल-बह्र’ 2019 से दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच सहयोग मजबूत होगा और परिचालन क्षमता बढ़ेगी।
इस दौरान तीन दिन बंदरगाह पर और दो दिन समुद्र में अभ्यास किया जायेगा। बंदरगाह में होने वाले अभ्यास में गोष्ठी, पेशेवराना बातचीत, खेल, सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल हैं। समुद्र में किये जाने वाले अभ्यास में सतह पर की जाने वाली कार्रवाई, वायु सुरक्षा और समुद्री निगरानी, आतंकवाद विरोधी कार्रवाई इत्यादि शामिल हैं। इस अभ्यास से दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग में इजाफा होगा और आतंकवाद, समुद्री डाकुओं के आतंक का मुकाबला करने तथा समुद्री सुरक्षा में सहयोग बढ़ेगा।
आईएनएस त्रिकंड की कमांड कैप्टन विशाल बिशनोई के हाथो में है और यह जहाज भारतीय नौसेना का अग्रणी फ्रीगेट है। यह जहाज विभिन्न हथियारों और दूर-संवेदी उपकरणों से लैस है। यह जहाज भारतीय नौसेना की पश्चिमी कमान का हिस्सा है और मुम्बई स्थित पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग ऑफ चीफ के परिचालन कमान के अधीन है। पी8-I गश्ती हवाईजहाज समुद्री निगरानी के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी से लैस है।
कतर की शाही नौसेना के जो जहाज और पोत अभ्यास में शामिल होंगे, उनमें एंटी-शिप मिसाइल से लैस बरजान क्लास फास्ट अटैक क्राफ्ट और राफेल युद्धक विमान भी शामिल हैं।