उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू, 3 दिसंबर, 2019 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग द्वारा “दिव्यांगजन अंतर्राष्ट्रीय दिवस” मनाने के लिए आयोजित एक समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। वह दिव्यांगजन सशक्तिकरण की दिशा में अर्जित की गई उत्कृष्ट उपलब्धियों एवं किये गये कार्यों के लिए व्यक्तियों, संस्थानों, संगठनों और राज्य / जिला आदि को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करेंगे। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत समारोह की अध्यक्षता करेंगे। सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री श्री कृष्णपाल गुर्जर, श्री रामदास अठावले और श्री रतन लाल कटारिया भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे।
दिव्यांगजन अंतर्राष्ट्रीय दिवस अर्थात 3 दिसंबर के अवसर पर सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय का दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग प्रत्येक वर्ष दिव्यांगजन सशक्तिकरण की दिशा में अर्जित की गई उत्कृष्ट उपलब्धियों एवं किये गये कार्यों के लिए व्यक्तियों, संस्थानों, संगठनों और राज्य / जिला आदि को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करता है।
वर्ष 2019 के लिए दिव्यांगजन सशक्तीकरण के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार, 14 (चौदह) श्रेणियों के तहत दिए जा रहे हैं: –
- विकलांगता के साथ सर्वश्रेष्ठ कर्मचारी / स्व-नियोजित व्यक्ति;
- सर्वश्रेष्ठ नियोक्ता और प्लेसमेंट अधिकारी और / या एजेंसियां;
- दिव्यांगजन के सशक्तिकरण के प्रयोजन के लिए काम करने वाले सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति और संस्था;
- प्रेरणास्रोत;
- दिव्यांगजनों के जीवन में सुधार लाने के उद्देश्य से सर्वश्रेष्ठ अनुप्रयुक्त अनुसंधान या नवोन्मेषण या उत्पाद;
- दिव्यांगजनों के लिए बाधा मुक्त वातावरण के निर्माण में उत्कृष्ट कार्य;
- पुनर्वास सेवाएं प्रदान करने में सर्वश्रेष्ठ जिला;
- राष्ट्रीय दिव्यांगजन वित्त और विकास निगम (एनएचएफडीसी) की सर्वश्रेष्ठ राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसी;
- विकलांगता के साथ उत्कृष्ट रचनात्मक वयस्क व्यक्ति;
- विकलांगता के साथ सर्वश्रेष्ठ रचनात्मक शिशु;
- सर्वश्रेष्ठ ब्रेल प्रेस;
- सर्वश्रेष्ठ सुगम्य वेबसाइट;
- दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण को बढ़ावा देने (i); और सुगम्य भारत अभियान के कार्यान्वयन (ii) में सर्वश्रेष्ठ राज्य ।
- सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग खिलाड़ी।
2017 तक, पुरस्कार योजना को राष्ट्रीय पुरस्कार नियम, 2013 के तहत नियंत्रित किया जाता था, जिसमें दिव्यांगजन अधिनियम, 1995 के अनुसार विकलांगता की 7 श्रेणियां बनाई गई थीं। हालांकि, 19 अप्रैल 2016 से दिव्यांगजनों के अधिकार अधिनियम,2017 लागू होने के साथ नए कानून के तहत निर्दिष्ट विकलांगता की संख्या 7 से बढ़कर 21 हो गई। तदनुसार, सभी 21 विकलांगताओं को राष्ट्रीय पुरस्कार दिशानिर्देशों के तहत शामिल किया गया है, जिन्हें 2 अगस्त, 2018 के भारत के असाधारण-सामान्य राजपत्र में अधिसूचित किया गया है।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (दिव्यांगजन) राज्य सरकारों / केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों और केंद्रीय मंत्रालयों / विभागों को विभिन्न श्रेणियों में राष्ट्रीय पुरस्कारों के लिए नामांकन के लिए पत्र लिखता है। पुरस्कारों का व्यापक प्रचार करने के लिए राष्ट्रीय / क्षेत्रीय भाषा के दैनिक समाचार पत्रों में विज्ञापन भी प्रकाशित किया जाता है। राष्ट्रीय पुरस्कारों की विस्तृत योजना एवं आवेदन आमंत्रित करने के लिए जारी किया गया विज्ञापन डाउनलोड करने योग्य प्रारूप में विभाग की वेबसाइट (www.disabilityaffairs.gov.in) में प्रदर्शित किया गया है।
राष्ट्रीय पुरस्कार 2019 के लिए उपर्युक्त उल्लेखित प्रक्रिया के बाद, सभी 21 निर्दिष्ट विकलांगताओं से संबंधित व्यक्तियों से आवेदन आमंत्रित करने वाला एक विज्ञापन 5 जुलाई, 2019 को प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित किया गया था जिसमें आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 30 अगस्त, 2019 निर्धारित की गई थी जिसे बाद में बढ़ाकर 30 सितंबर, 2019 तक कर दिया गया था। कुल मिलाकर 973 आवेदन प्राप्त हुए। इस प्रयोजन के लिए गठित चार स्क्रीनिंग समितियों द्वारा इन आवेदनों को योग्यता के आधार पर संक्षिप्त सूची बनाई गई। 6.11.2019 को हुई अपनी बैठक में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय चयन समिति ने स्क्रीनिंग समितियों की सिफारिश पर विचार किया। 14 श्रेणियों में सभी 65 पुरस्कारों को मंजूरी दी गई। उम्मीद की जाती है कि पुरस्कार विजेताओं की उपलब्धियाँ दूसरों को भी समान उपलब्धियां अर्जित करने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करेंगी।