मंगला पुरी में निवासियों द्वारा की जा रही सामुदायिक केंद्र के निर्माण की मांग का कार्य दिल्ली सरकार द्वारा बजट नहीं दिए जाने के कारण लटका अधर में

जहां एक तरफ नगर निगम को फंड नहीं मिलने के कारण रुके हुए सफाई एवम विकास संबंधी निगम के कार्यों से पार्षद परेशान हैं तथा आंदोलन कर रहे हैं। वहीं अब इसका असर दिल्ली के दूसरे अन्य विकास कार्यों पर भी पड़ रहा है। ऐसा ही एक मामला द्वारका विधानसभा के मंगलापुरी वार्ड में भी प्रकाश में आया है
  जहां मंगलापुरी फेस 2 में 5 ऐसे अनुपयोगी जर्जर शौचालय हैं जिनका निर्माण तो यहां के निवासियों के उपयोग के लिए किया गया था लेकिन पहले से ही घरों में शौचालय की व्यवस्था होने के कारण यह शौचालय अनुपयोगी रहे। इनका उपयोग अतिक्रमण कर असामाजिक तत्वो द्वारा मलबा फेकने पशुपालन करने सम्बन्धी दुरुपयोग किए जाने के कारण यहां के लोगों में इस बात को लेकर बहुत ही रोष है।
लोगों का कहना है की यहां सामुदायिक केंद्र का अभाव है ऐसे में क्योंकि यह निम्न आय वर्गीय परिवार के लोग रहते हैं इस कारण से महंगे प्राइवेट कम्यूनिटी सेंटर का खर्च उठा पाने में असमर्थ हैं ऐसे में लोगों को मजबूरी में पार्कों में ही टेंट लगाकर अपने बच्चों की शादी करनी पड़ती है इससे पार्क को भी नुकसान पहुंचता है एवम गंदगी भी होती हैं।
इसलिए इस स्थान का उपयोग सरकारी समुदायिक केंद्र बनवाए जाने के लिए हम काफी समय से मांग कर रहे है। स्थानीय आर. डब्लयू ए अध्यक्ष राजेश तिवारी ने बताया इसके लिए आरडब्ल्यूए काफी समय से प्रयास कर रही थी निगम प्रतिनिधियों, निगमायुक्त, जन शिकायत आयोग, दिल्ली के मुख्यमंत्री सहित प्रधानमंत्री को भी इस बाबत ज्ञापन दिया जा चुका है। पश्चिमी दिल्ली से लोकसभा सांसद प्रवेश वर्मा भी दिल्ली नगर निगम को यहां सामुदायिक केंद्र बनवाए जाने हेतु पत्र लिख चुके हैं।
मगर दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली नगर निगम को इस कार्य के लिए बजट नहीं दिए जाने के कारण यह कार्य अभी तक अधर में लटका हुआ है। आर.डब्लयू ए अध्यक्ष राजेश तिवारी ने बताया सांसद श्री प्रवेश वर्मा जी के निगमायुक्त को पत्र लिखने के बाद यहां बारातघर निर्माण संबधी कार्य के विषय में लगातार निगम अधिकारियों के पत्र हमें इस कार्य की प्रगति के संदर्भ में जानकारी से अवगत करवाते रहे हैं अभी पिछले दिनों हमें दिल्ली नगर निगम के द्वारा इस विषय में लिखित जवाब प्राप्त हुआ की बजट नहीं मिलने के कारण यह कार्य अभी प्रारंभ नहीं हो पाया है। इसलिए इस विषय में हमने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर इस कार्य हेतु निगम को बजट उपलब्ध करवाने की मांग की है।