मंत्रिमंडल ने केंद्र शासित जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख में बागवानी के लिए प्रधानमंत्री के विकास पैकेज की अवधि तीन वर्ष तक बढ़ाने और उसमें संशोधन करने की स्वीकृति दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एकीकृत बागवानी विकास मिशन (एमआईडीएच) के अंतर्गत केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख में बागवानी के विकास के लिए प्रधानमंत्री के विकास पैकेज (पीएमडीपी) की अवधि 31.03.2022 तक बढ़ाने और पैकेज के स्वीकृत घटकों में संशोधन/ पुनः विनियोग की स्वीकृति दे दी है।

सीसीईए ने निम्नलिखित मंजूरी दी :2016 में स्वीकृत पीएमडीपी को लागू करने के लिए समय सीमा 31.03.2019 से आगे यानी 31.03.2022 तक तीन वर्षों के लिए बढ़ाने और आवश्यकता पड़ने पर कृषि और किसान कल्याण मंत्री की स्वीकृति से अधिकतम 12 महीने की अवधि को आगे बढ़ाने के प्रावधान के साथ मंजूरी।

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख के बीच 500 करोड़ रुपये के स्वीकृत आवंटन के भीतर पीएमडीपी के स्वीकृत घटकों में संशोधन/ पुनः विनियोग करने और आवश्यकता होने पर कृषि और किसान कल्याण मंत्री की स्वीकृति से 500 करोड़ रुपये की संपूर्ण वित्तीय सीमा के भीतर आगे संशोधन के प्रावधान के साथ मंजूरी।

(iii) लद्दाख सहित अविभाजित जम्मू और कश्मीर राज्य के पास खर्च किए बिना बची हुई 59.07 करोड़ रुपये की राशि को फिर के वैध करना।

इसलिए पीएमडीपी के अंतर्गत कार्य योजना 500 करोड़ रुपये के स्वीकृत आवंटन के भीतर संशोधित की गई है। इसमें 39.67 करोड़ रुपये केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख और 460.33 करोड़ रुपये केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के लिए निर्धारित है।

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख क्षेत्र में पीएमडीपी लागू होने से अनुमानित 44 लाख मानव दिवस का रोजगार सृजन होगा और ग्रेडिंग/ पैंकिंग इकाइयों, वातावरण आधारित कोल्ड स्टोरेज इकाइयां और परिवहन जैसे संबद्ध क्षेत्रों में भी रोजगार सृजन होगा। उच्च घनत्व वाले पौधरोपण में टेक्नोलॉजी के उपयोग और बागों को नियमित रूप से दुरुस्त करते रहने से उत्पादकता में वृद्धि के कारण किसानों की आय बढ़ेगी और बागवानी क्षेत्र में संपूर्ण रूप से मजदूरी में भी वृद्धि होगी।

पृष्ठभूमि :

2016 में जम्मू और कश्मीर राज्य में क्षतिग्रस्त बागवानी क्षेत्र की बहाली और विकास के लिए भारत सरकार के 450 करोड़ रुपये के हिस्से के साथ 500 करोड़ रुपये के प्रधानमंत्री के विशेष पैकेज को स्वीकृति दी गई थी। इस पैकेज को 31.03.2019 तक तीन वर्षों के लिए लागू करना था। इस विशेष पैकेज में विशेष किस्म के सेब के पौधों के रोपण की सामग्री के आयात के लिए एमआईडीएच लागत उपायों में एक समय की छूट, पौधों में समय से पहले फूल लगने और फलों में वृद्धि तथा 4 तार वाली जाली प्रणाली से उत्पादकता का 3 – 4 बढ़ने का अनुमान शामिल है।

लेकिन पौधा रोपण सामग्री के आयात प्रक्रिया में समय लगने तथा विलगन विषयों के कारण पीएमडीपी लागू करने में विलंब हुआ और जम्मू-कश्मीर राज्य ने पीएमडीपी लागू करने के लिए समय सीमा बढ़ाने और स्वीकृत कार्य योजना के घटकों में संशोधन/ पुनः विनियोग का अनुरोध किया।

जम्मू और कश्मीर राज्य को 31.10.2019 के प्रभाव से दो केंद्र शासित क्षेत्रों – जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित किया गया। इसके लिए पीएमडीपी के अंतर्गत जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख के बीच वास्तविक तथा वित्तीय लक्ष्यों के संशोधन की आवश्यकता हुई।