हितेन शुक्ला
रेल मंत्रालय के अंतर्गत एक मिनी रत्न निजी क्षेत्र उपक्रम रेलटेल ने पश्चिम रेलवे के अंतर्गत 10 रेलवे स्टेशनों भावनगर टर्मिनस, उधना, वलसाड, वेरावल, नागदा, नवसारी, वापी, वीरमगाम, राजकोट और गांधीधाम पर वीडियो सर्विलांस सिस्टम (VSS) आधारित एडवांस इंटरनेट प्रोटोकॉल (IP) स्थापित किया है। रेलवे बोर्ड ने सभी रेलवे स्टेशनों, प्रीमियम और ईएमयू कोचों में वीडियो एनालिटिक्स एवं फेशियल रिकग्निशन प्रणाली आधारित आईपी उपलब्ध कराने का कार्य रेलटेल को सौंपा है। रेलटेल ए1, ए, बी, सी, डी और ई श्रेणी के स्टेशनों, प्रीमियम ट्रेनों के कोचों और उपनगरीय ईएमयू कोचों में वीडियो निगरानी प्रणाली उपलब्ध करा रहा है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री रविंद्र भाकर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार बेहतर कवरेज और क्लियर इमेज के लिए 4 प्रकार के फुल एचडी कैमरा – डोम टाइप (आंतरिक क्षेत्र के लिए), बुलेट टाइप (प्लेटफॉर्म के लिए), पैन टिल्ट ज़ूम टाइप (पार्किंग क्षेत्र के लिए ) और अल्ट्रा एचडी-4K कैमरा (महत्त्वपूर्ण स्थानों के लिए) उपलब्ध कराये जा रहे हैं। मॉनिटरिंग के लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) नियंत्रण कक्ष के विभिन्न स्क्रीनों पर सीसीटीवी कैमरा लाइव फीड प्रदर्शित किया जाता है।
यात्रियों की सुरक्षा एवं संरक्षा में वृद्धि के मद्देनज़र शीघ्र ही इन रेलवे स्टेशन परिसरों में उपलब्ध कराये गये सभी सीसीटीवी कैमरों को ऑप्टिकल फाइबर केबल पर नेटवर्क से जोड़ा जायेगा और सीसीटीवी कैमरों की वीडियो फीड को एक केंद्रीकृत सीसीटीवी नियंत्रण कक्ष में लाया जायेगा, जहाँ वीडियो फीड की निगरानी आरपीएफ कर्मियों द्वारा की जायेगी। वीडियो सर्विलांस सिस्टम उपलब्ध कराने की परियोजना के बारे में बात करते हुए रेलटेल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री पुनीत चावला ने कहा कि– ‘प्रथम चरण में रेलटेल 200 स्टेशनों पर अखिल भारतीय स्तर पर वीडियो सर्विलांस सिस्टम स्थापित कर रहा है तथा अब तक हमने भारत में 81 स्टेशनों पर कार्य पूरा कर लिया है।
वीडियो सर्विलांस सिस्टम को शीघ्र ही अन्य स्टेशनों और कोचों तक विस्तारित किया जायेगा। महिलाओं की बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निर्भया फंड का उपयोग करते हुए इस कार्य को किया जा रहा है।’ स्टेशन पर स्थापित प्रत्येक एचडी कैमरा लगभग 1 टीबी डाटा एवं 4k कैमरा 4 टीबी डाटा प्रति माह खपत करता है । सीसीटीवी कैमरा के वीडियो फीड की रिकॉर्डिंग को प्लेबैक, पोस्ट इवेंट विश्लेषण और जाँच सम्बंधी उद्देश्य हेतु 30 दिनों के लिए सुरक्षित रखा जायेगा। महत्त्वपूर्ण वीडियो को लम्बी अवधि के लिए सुरक्षित रखा जायेगा। इस वीडियो सर्विलांस सिस्टम से रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों और रेलवे सम्पत्ति की बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित किये जाने की सम्भावना है ।