आत्मनिर्भर भारत के लिए 20 लाख करोड़ का राहत पैकेज

-उत्कर्ष उपाध्याय

लॉकडाउन व कोरोनाकाल ने भारत की दशा और दिशा दोनों पर बहुत गहरा प्रभाव डाला है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
मंगलवार को कोरोनात्रास और लॉकडाउन के पश्चात पांचवी बार देश को संबोधित करने आए और 'आत्मनिर्भर भारत' के
मूल मंत्र के साथ देश से नई दिशा में कदम रखने का आह्वान किया ।

प्रधानमंत्री मोदी ने शुरू में कहते हुए कहा 'अब जिंदगी कोरोना के इर्द-गिर्द सिमटकर नहीं रहेगी ' । इसी के तहत उन्होंने
कारोबार-व्यवसाय को पुनः संचालित करने हेतु सभी लघु-सुक्ष्म-मध्यम-मझोले उद्योग समेत सभी कामकाजी सेक्टर को
राहत प्रदान करने हेतु 20 लाख करोड रुपए के 0p000आर्थिक पैकेज की घोषणा की ।

● आत्मनिर्भर भारत के पांच स्तंभ : – अर्थव्यवस्था, इंफ्रास्ट्रक्चर (बुनियादी ढांचा) , सिस्टम , डेमोग्राफी , आपूर्ति
● पूर्व घोषित प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज को सम्मिलित कर कुल मिलाकर 20 लाख करोड़ के आत्मनिर्भर
भारत वाला है यह पैकेज ।
● भारत में आपदा को अवसर में बदला , प्रतिदिन देशभर में 2-2 लाख पीपीई टिकट और एन-95 मस्क का हो
रहा है उत्पादन।
● लोकल के लिए वोकल बनना है : स्वदेशी अपनाने के साथ-साथ उसका प्रचार करने में कतई संकोच नहीं करना
है ।
● 21वीं सदी भारत की होगी ।

लॉकडाउन के तीसरे चरण के समाप्त होने के पूर्व प्रधानमंत्री मोदी का ऐसा संबोधन जिसमें उन्होंने आपदा प्रबंधन और
देश को विकास की गति में फिर से स्फूर्ति लाने हेतु अपूर्व पैकेज का ऐलान जनहित में किया और साथ ही कहा कि
लॉकडाउन बढ़ाया जा रहा है परंतु ये चौथा चरण नए रंग-रूप और नए नियमों वाला होगा ।

प्रधानमंत्री ने यह कहा कि – यह कोरोना काल आर्थिक सुधार के क्रांतिकारी दौर की शुरुआत है और भारत इसे पूर्णतः
सार्थक रूप में अमल में लाएगा।;यूं तो दुनिया भर के हर देश अपने राहत पैकेज घोषित कर रहे हैं और आंकड़ों पर जाएं तो दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा राहत पैकेज भारत का है ।

वित्त मंत्री सीतारमण ने द्वारा प्रस्तुत विवरण:-

बीते मंगलवार प्रधानमंत्री मोदी के राष्ट्र को संबोधन के पश्चात भारत वासियों की उत्सुकता बढ़ गई थी कि 20 लाख
करोड़ वाले इस बहुआयामी पैकेज में किस-किस सेक्टर को कितनी राहत, कितनी संख्या में किस-किस क्षेत्र को प्रदान की
जाएगी और उसी के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह संबोधन महत्वपूर्ण हो गया था ।

इसमें प्रमुखता से लघु सूक्ष्म गृह एवं कुटीर उद्योगों को जीवंत करने का बीड़ा उठाया गया है और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों को
सहायता प्रदान की गई है । इस पैकेज का ध्येय है कैश की उपलब्धता बढ़ाना । प्रमुखतः 3 लाख करोड रुपए एमएसएमई
, 30 हजार करोड़ एनबीएफसी , 90 हजार करोड़ बिजली कंपनियों को देने का प्रावधान है, अन्य पीएफ , इनकम टैक्स ,
टीडीएस संबंधी घोषणा इस पैकेज में शामिल की गई हैं ।

एमएसएमई को 3 लाख करोड़ का बिना गारंटी का लोन:-

इसमें व्यवसायों के लिए 3 लाख करोड़ रुपए का संपार्श्विक-मुक्त स्वचालित ऋण शामिल है । संपार्श्विक मुक्त ऋण
एसएमई को 12 महीने की मोहलत के साथ प्रदान किया जाएगा, एक साल तक मूलधन नहीं चुकाना होगा और इससे 45
लाख इकाइयों को लाभ होगा। तनावग्रस्त एमएसएमई के लिए, सरकार इक्विटी सहायता के लिए 20,000 करोड़
अधीनस्थ ऋण का प्रावधान करेगी, जिससे 2 लाख एमएसएमई लाभान्वित होंगे ।

● 15 हजार रुपये से कम वेतन वालों का ईपीएफ अगस्त तक सरकार देगी।
● कर्मचारियों के लिए अगले तीन महीने यानि अगस्त तक 12 की जगह 10 फीसदी ईपीएफ योगदान। लेकिन
सरकारी कर्मचारियों के लिए 12 फीसदी ही रहेगा, परिणामतः 72 लाख कर्मचारियों को ईपीएफ में राहत।
● टीडीएस में 25 फीसदी कटौती, जनता को 50 हजार करोड़ रुपये का फायदा।
● आईटीआर भरने की तारीख को 30 नवंबर 2020 तक बढ़ाया जाएगा।

निर्माण के काम के लिए छह महीने तक के लिए एक्सटेंशन दिया जा रहा है।