भारतीय मानक ब्यरो (बीआईएस) ने मीडिया एवं मनोरंजन सेवाओं के मानकीकरण की शुरुआत की। इसे और आगे ले जाने के लिए, मीडिया और मनोरंजन सेवा अनुभागीय समिति (SSD 13) की प्रथम बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता डॉ संदीप मारवाह, अध्यक्ष-एशियन एकेडमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन (एएएफटी) द्वारा की गई । इस बैठक में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण, प्रसार भारती के प्रतिनिधि सदस्यों और सभी मीडिया एवं मनोरंजन उद्योग से अन्य स्टेकहोल्डरों ने भाग लिया।
मीडिया और मनोरंजन सेवा भारतीय मानक ब्यूरो की अनुभागीय समिति, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, भारत सरकार की पहली बैठक में न्यूज़पेपर्स एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया की तरफ से विपिन गौड़ को मीडिया व इंटरटेनमेंट सेवा सिलेक्शन कमिटी उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, भारत सरकार प्रधान सदस्य बनाया गया व अलग -अलग संस्थानों से तकरीबन 24 से 26 लोगों को भी प्रधान सदस्य की जिम्मेदारी दी गई
बैठक में उद्योग, उद्योग संगठनों, शैक्षणिक एवं प्रशिक्षण संस्थानों जैसे मीडिया एवं एंटरटेनमेंट स्किल काउंसिल (एमईएससी), न्यूजपेपर एसोसिएशन ऑफ इंडिया, स्टार इंडिया, यशराज फिल्म्स, पीवीआर लिमिटेड, एफआईसीसीआई, सीआईआई, एयरटेल डिजिटल टीवी, जागरण प्रकाशन लिमिटेड, जी टीवी, इवेंट एंड मनोरंजन मैनेजमेंट एसोसिएशन (ईईएमए) इत्यादि की भागीदारी भी देखी गई।
बैठक के दौरान, मानकीकरण के लिए उठाए जाने वाले विषयों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया।समिति के व्यापक क्षेत्र को ध्यान में रखकर, संबंधित क्षेत्र में मानकीकरण का कार्य करने के लिए 9 उप समितियों का गठन किया गया। इन उप समितियों में शिक्षा और कौशल विकास उप समिति, सिनेमा सेवा उप समिति, प्रिंट मीडिया सेवा उप समिति, रेडियो सेवा उप समिति, कार्यक्रम प्रबंधन सेवा उप समिति, टेलीविजन और ओटीटी सेवा उप समिति, नई मीडिया सेवा उप समिति, ध्वनि एवं संगीत सेवा उप समिति और विज्ञापन सेवा उप समिति शामिल हैं।
समिति ने दो पैनलों को भी गठन किया है, एक पैनल प्रथमतः मीडिया एवं मनोरंजन सेवा सेक्टर में मानकीकरण के लिए‘रणनीति एवं रोडमैप दस्तावेज’ तैयार करने के लिए और दूसरा पैनल मीडिया एवं मनोरंजन सेवा सेक्टर में पाइरेसी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए है। समिति ने सिफारिश की है कि इन मुद्दों से निपटने के लिए प्रासंगिक मानकों का निर्धारण किया जाए।