26 नवंबर 2008 की वो रात भारत कभी नहीं भूल सकता है जब पाकिस्तान के दस आतंकियों ने भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई की सड़कों पर खूनी खेल खेला था… उन्होंने 174 लोगों को बड़ी निर्ममता से हत्या कर दी थी जबकि इस घटना में 300 से अधिक लोग घायल हुए थे… टीवी चैनल के जरिए जब ये खबर पूरे भारत और फिर दुनिया में फैली तो हर कोई हैरत में था… आतंकियों ने इस हमले में मुंबई की शान ताज होटल, होटल ट्राइडेंट, नरीमन प्वाइंट, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, चाबड़ हाउस, कामा अस्पताल, मेट्रो सिनेमा, लियोपार्ड कैफे को निशाना बनाया था… अपने मंसूबों को पूरा करने के लिए उन्होंने उन जगहों को चुना था जहां पर भीड़ होती थी और जो यहां की पहचान थे… ये आतंकी समुद्र के रास्ते भारत में घुसे थे… इसके बाद ये अलग-अलग गुटों में बंट गए थे… ये सभी आतंकी खतरनाक हथियारों से लैस थे… ये सभी 23 नवंबर की रात को पाकिस्तान के कराची शहर से एक बोट में निकले थे… भारतीय समुद्री सीमा में दाखिल होने के बाद उन्होंने एक नाव को हथियाकर उसमें सवार सभी चार लोगों को मार दिया था… आतंकियों के एक ग्रुप ने ताज और ऑबरॉय होटल का रुख किया था… यहां पर आतंकियों ने खूब तबाही मचाई थी… उनके सामने जो आया उसको उन्होंने गोलियों से भून दिया था… ताज होटल में लगे सीसीटीवी कैमरे में इन आतंकियों का खूनी खेल कैद हुआ था… यहां पर बाद में स्पेशल कमांडो ने मोर्चा संभाला… इसके अलावा चाबड़ हाउस के लिए के लिए एनएसजी कमांडो की टीम भेजी गई… हेलीकॉप्टर से इमारत पर उतरे इन कमांडोज को भी पूरी दुनिया ने टीवी पर देखा था… लगातार दोनों ही तरफ से गोलियां चल रही थीं… बाद में केंद्र की तरफ से इस ऑपरेशन की लाइव फुटेज दिखाने पर रोक लगा दी गई थी… ताज होटल में कमांडो कार्रवाई के दौरान कई लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था… वहीं चाबड़ हाउस के आतंकियों को ढेर कर दिया गया था… ताज होटल से भी आतंकियों का सफाया कर दिया गया था… बाद में एक-एक कर सुरक्षाकर्मियों और कमांडोज ताज होटल समेत सभी दूसरी जगहों को सुरक्षित करार दे दिया था…