गुजरात फ्रंटियर सीमा सुरक्षा बल ने जीती अश्विनी ट्रॉफी।

हितेन शुक्ला

सीमा सुरक्षा बल ने दिनांक 01 दिसम्बर 2020 को अपना 56वॉ स्थापना दिवस बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाया। 01 दिसम्बर 1965 को सीमा सुरक्षा बल की स्थापना अन्तर्राष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा के उद्देशय से 25 बटालियनों के साथ हुई। आज, सीमा सुरक्षा बल 192 बटालियनों के साथ विश्व का सबसे बड़ा सीमा रक्षक बल है जो कि भारत-पाकिस्तान और भारत-बंग्लादेश की 6386 किलोमीटर की सबसे महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील अन्तर्राष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करता है। सीमा सुरक्षा बल के 1922 सीमा प्रहरियों ने देश सेवा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है तथा 7791 सीमा प्रहरी गंभीर रूप से घायल हुए है। 1971 के भारत–पाकिस्तान युद्ध के दौरान सीमा सुरक्षा बल ने बंग्लादेश की मुक्ति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

गुजरात फ्रंटियर को सीमा सुरक्षा बल के 14 फ्रंटियरों में प्रशिक्षण एवं खेलों में उत्कृष्ट प्रर्दशन के लिए सर्वश्रेष्ठ फ्रंटियर घोषित किया गया है। सीमा सुरक्षा बल के स्थापना दिवस परेड-2020 में श्री नित्यानन्द राय, माननीय राज्यमंत्री, गृह द्वारा श्री जी. एस. मलिक, भापुसे., महानिरीक्षक गुजरात फ्रंटियर तथा उप-कमांडेंट (खेल अधिकारी) श्री अजयवीर सिहं को अश्विनी ट्राफी प्रदान की गई। श्री जी. एस. मलिक, भापुसे., महानिरीक्षक गुजरात फ्रंटियर की ऊर्जस्वी कमान में गुजरात फ्रंटियर सीमा सुरक्षा बल ने लगातार दूसरी बार अश्विनी ट्रॉफी जीती।

सीमा सुरक्षा बल ने स्थापना के बाद से ही भारत-पाकिस्तान एवं भारत-बंग्लादेश के सबसे महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील सीमाओं की सुरक्षा में तैनात रहते हुए उग्रवाद, नक्सलवाद एवं आंतरिक सुरक्षा की कई चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया। गुजरात फ्रंटियर पाकिस्तान के साथ 826 किलोमीटर की अन्तर्राष्ट्रीय सीमा एवं तटीय क्षेत्रों की सुरक्षा करता है जिसमें थार का रेगिस्तान तथा गुजरात में कच्छ का रन, क्रीक एवं तटीय क्षेत्र शामिल है।

सीमा सुरक्षा बल ने सीमा सुरक्षा को सुदृढ एवं प्रभावी बनाने के लिए विभिन्न तकनीकों को अपनाया है। मुश्किल परिस्थितियों में सीमावर्ती लोगों की मदद के लिए भी कई उपाय किए है। कोरोना महामारी के समय भी सीमा सुरक्षा बल ने चौबिस घंटे बिना विराम के सीमाओं को सुरक्षित रखते हुए जरुरतमंदों की सहायता की है। जो कि इसके आदर्श “जीवन पर्यन्त कर्तव्य” एवं नीति “कोई भी कार्य, कभी भी, कहीं भी” के तर्क सगंत है।
गुजरात फ्रंटियर, सीमा सुरक्षा बल ने सभी देशवासियों को 56वें स्थापना दिवस पर शुभकामनाएं दी।