बिशारद बस्नेत कर रहे फ़िल्म ‘लाल सलाम’ कि तैयारी

अभिनेता व निर्देशक बिशारद बस्नेत। आपको बता दूँ कि बिशारद बस्नेत नेपाल के रहने वाले हैं परन्तु वह भारत में पले- बढे है और उनका भारत से एक अटूट सम्बन्ध है। आजकल बिशारद बस्नेत अपनी फीचर फिल्म लाल सलाम के तैयारी में जोर शोर से लगे हुए हैं । आइये आज इनके कई छुए – अनछुए पहलुओं के बारे में जानते हैं।

सबसे पहले आप अपनी पृष्ठभूमि के बारे में बताइए

बिशारद बस्नेत : मैंने अपना बचपन मेदिनी नगर (डाल्टनगंज) में बिताया जो कि झारखंड में है । मैं मध्यम वर्गीय परिवार से हूँ। मेरे पिताजी भारतीय रेल में लिए काम करते थे । हमारे पास छोटे सपने और छोटी-छोटी आवश्यकताएं होती थीं । हमें अध्ययन करने और प्रशासन की नौकरी पाने के लिए सिखाया गया ताकि मुझे सेवानिवृत्ति होने पर पेंशन मिले और जीवन आसानी से कट जाये परन्तु मैं पढ़ाई में अच्छा नहीं था और न ही मैं कोई नौकरी करना चाहता था । मैंने पिताजी को बहुत मेहनत करते देखा इसके बावजूद परिवार की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति भी कठिनाई से होती थी।। मेरी माँ बहुत मेहनती थी उसने हमारी जरूरतों और स्कूल की फीस भरने के लिए पार्ट टाइम काम किया, मम्मी नेपाल से जाते समय लेटेस्ट कैमरा, बेड शीट, ऊनी कम्बल ख़रीदती थी और वह भारत ले जाकर बेचती थी । यह सब देखकर मैं उनकी मदद करना चाहता था और उन्हें सारी खुशी देना चाहता था । फिर मैंने कुछ ऐसा करने की सोची जिसमें नाम, प्रसिद्धि और पैसा हो । मैं कुछ दिलचस्प खोज रहा था और मैंने अभिनय में वो सब कुछ पाया।

 

अच्छा आपको अभिनय में रुचि कैसे आया थोड़ा गहराई से बताइये ?

बिशारद बस्नेत : मैं कुछ ऐसा करना चाहता था जिससे मुझे प्रसिद्धि और पैसा मिले और लोग मुझे मेरे प्रतिभा के कारण याद रखें । बचपन में उलझन में था कि मुझे कौन सा प्रोफेशन चुनना चाहिए। कभी मैं डॉक्टर बनना चाहता था कभी इंजीनियर तो कभी आर्मी । मुझे लगता है कि मैं एक ही समय में कई जीवन और कई भावनाओं का अनुभव करना चाहता था। यही कारण है कि मैंने अभिनेता बनने का विकल्प चुना । बाद में मुझे आभास हुआ कि अच्छा अभिनेता होना कितना कठिन है तब मैंने खुद को भारत के सर्वश्रेष्ठ शिक्षक के तहत प्रशिक्षण लेना शुरू किया । मैं संजना सिनेग्लोबल के माध्यम से अपने सभी गुरुओं को धन्यवाद देना चाहूँगा।

 

आपका अभिनय यात्रा अभी अब तक कैसा रहा है ?

बिशारद बस्नेत : मेरा अभिनय यात्रा अच्छा रहा है। मैंने अब तक 7 फिल्मों में काम किया है। मैंने 4-5 विज्ञापन फिल्म भी किया है। 10 से अधिक लघु फिल्म में अभिनय किया।

 

अभिनेता बनने तक तो बात समझ आई परन्तु आप डायरेक्शन में कैसे पहुंचे ?

बिशारद बस्नेत : देखिये मुंबई में जीवन बहुत कठिन था। मुझे प्रतिदिन के खर्चे के लिए पैसे की आवश्यकता थी। फिर मैं एक ऐसे निर्देशक से मिला जो विज्ञापन और डॉक्यूमेंट्री का निर्देशन करते थे। उन्होने मुझे अपनी टीम में सहायक के रूप में शामिल होने की अनुमति दी । 3 साल तक मैंने उनके सहायक के रूप में काम किया और उन्होंने मुझे अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया। अभिनय मेरा पहला प्रेम था और यह हमेशा रहेगा परन्तु अपनी रचनात्मकता को दिखाने के लिए जो मेरे दिमाग में है उसके लिए मैं निर्देशन करता हूं। मैंने नेपाली में 2 फीचर फिल्म का निर्देशन किया है। 2 लघु फिल्में भी बनाया जो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में चली गईं। कॉर्पोरेट के लिए बहुत सारे विज्ञापन बनाए।

 

तो क्या आप सिर्फ नेपाली फिल्मों तक ही सिमित हैं ?

बिशारद बस्नेत : नहीं नहीं ऐसी बात नहीं है। मैंने भारतीय धारावाहिक, विज्ञापनों और फिल्मों में भी काम किया है पर लोगो तक पहुँच नही पाया। मैं भारत में कई चीजों की योजना बना रहा हूं । मेरे पास एक फिल्म और एक वेबसीरीज कि पूरी कहानी है जो जल्द ही कोविड-19 के बाद झारखंड में शुरू होने वाली है।

 

अपने फिल्म निर्देशन करियर के बारे में बताइए ?

बिशारद बस्नेत : मैंने 2 नेपाली फिल्मों का निर्देशन किया है। एक का नाम है ‘मिस्टर वर्जिन’ है और दूसरे का नाम है ‘ना येता ना उता’ । इन दोनों फिल्मों को दर्शकों ने बहुत स्नेह दिया। दोनों फिल्मों ने अच्छी कमाई की है और मुझे एक सफल निर्देशक के रूप में स्थापित किया। मिस्टर वर्जिन मेरे हृदय के बहुत निकट है क्योंकि यह मेरी प्रथम फिल्म है । मेरी लघु फिल्म 3rd लॉ को कई फिल्म समारोहों में चुना गया।

पता चला है कि आप एक्टिंग गुरु हैं और एक्टिंग स्कूल का संचालन करते हैं, इस पर थोड़ा प्रकाश डालिये ?

बिशारद बस्नेत : पिछले 15 वर्षों से मैं आकांक्षी अभिनेताओं को अभिनय सिखा रहा हूं। मैं उन्हें अभिनय के उपकरण, तकनीक और नियम सिखाता हूं और उन्हें निर्देशित करता हूं कि अपने कौशल को कैसे निखारा जाए । मैंने 15 साल बाद अपने शिक्षण की प्रक्रिया की खोज की है और यह लोगों की मदद कर रहा है। मैं नेपाल में एक्टिंग स्कूल ऑफ़ नेपाल के नाम से स्कूल चलाता हूं जो इंस्टीट्यूट ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन प्राइवेट लिमिटेड के अधीन है।

 

क्या अभी आप किसी फिल्म पर काम कर रहे हैं , यदि आपके पाइपलाइन में कोई फिल्म है तो उसके बारे में हमारे पाठकों को बताइए ?

बिशारद बस्नेत : जैसा कि मैंने बताया, मेरे पास एक फिल्म और वेबसीरीज है, जो जल्द ही कोमिड -19 के बाद झारखंड में शुरू होने वाली है .मैं नेपाली में एक फिल्म की पटकथा लिख रहा हूं, जिसकी शूटिंग हमला जिले के मनोरम स्थानों पर होगी। उस फिल्म का नाम है “लाल सलाम: ए रिवोल्यूशन इन यू”। यह फिल्म पूरी तरह से एक आर्ट सिनेमा है । मैं इसे निर्देशित करूंगा और इसका सह-निर्माण करूंगा ।

लाल सलाम सुनते ही लोग को रिवोल्यूशन समझ आता है | लाल सलाम, रेवोलुशन को बैक ड्राप में रखते हुए समाज में हो रहे महिला हिंसा और सामाजिक शोषण पर एक सोशल फ़िल्म है।