कोविड-19 के खिलाफ वैक्सीनेशन प्रोग्राम 1 मार्च से बड़े पैमाने पर निर्धारित किया गया है… अब तक केवल हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स का ही कोरोना वैक्सीनेशन किया जा रहा था… मगर अब आम जनता के लिए भी वैक्सीनेशन की सुविधा का विस्तार किया जा रहा है… केंद्र की हाई-लेवल मीटिंग में वैक्सीनेशन के अगले फेज को लेकर चर्चा की गई… इस बैठक में केंद्र ने कई प्रक्रियाओं पर राज्य सरकारों को सलाह दी… इनमें को-विन वर्जन 2.0, वैक्सीनेशन की सुविधा पाने वाले लाभार्थियों के रजिस्ट्रेशन का विकल्प, आइडेंटिटी वेरिफिकेशन और पब्लिक और प्राइवेट हॉस्पिटल में जरूरी सुविधाएं शामिल हैं… सरकारी वैक्सीनेशन सेंटरों पर वैक्सीनेशन निशुल्क होगा… हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा जो लोग नामित या किसी प्राइवेट हेल्थ फैसिलिटी में वैक्सीनेशन कराएंगे, उन्हें इसके लिए तय शुल्क का भुगतान करना होगा… कोरोना वैक्सीन की खुराक लेने वाले लोगों को एक फोटो आईडी दस्तावेज अपने साथ ले जाना आवश्यक है… इनमें आधार कार्ड, वोटर आईडी शामिल हैं… इसके अलावा 45 साल से अधिक और 60 साल से कम उम्र के लोगों को वैक्सीन की खुराक लेने के लिए गंभीर बीमारी से पीड़ित होने के साक्ष्य भी दिखाने होंगे… यह रजिस्टर्ड डॉक्टर्स की तरफ से प्रमाणित होना चाहिए…