परिवेश के पारंपरिक खेलों को प्रोत्साहित करने की जरूरत-चौकियाल

उत्तराखंड । राजकीय इंटर कॉलेज कोटबांगर में बालसाहित्य संस्थान अल्मोड़ा द्वारा यू कास्ट देहरादून के सौजन्य से आयोजित बच्चों की 5 दिवसीय लेखन कार्यशाला को संबोधित करते हुए कलश संस्था से जुड़े नवाचारी शिक्षक व साहित्यकार हेमंत चौकियाल ने कहा कि हमारे परिवेश में प्रचलित पारंपरिक खेल, बच्चों के मनोरंजन के साथ ही, उनमें जांच – परख, नाप-जोख के कौशलों का विकास कर, वैज्ञानिक सोच उत्पन्न करने का महत्वपूर्ण कार्य करते हैं।श्री चौकियाल का कहना था कि खेल जहां शरीर को पुष्ट बनाते हैं, वहीं बच्चों में नेतृत्व की भावना भी जागृत करते हैं।
भारत ज्ञान विज्ञान समिति से जुड़ी राजकीय इंटर कॉलेज तैला सिलगढ़ की विज्ञान शिक्षिका अमृता नौटियाल ने बच्चों को विज्ञान के कई प्रयोग कराए। उन्होंने कहा कि कुछ ढोंगी लोग रसायनों के प्रयोग से भोली भाली जनता को गुमराह करते हैं। इसलिए हमें वैज्ञानिक सोच को जन-जन तक पहुंचाना होगा। उन्होंने बच्चों में कल्पना सृजन के लिए कई गतिविधियां की।
संस्कृति कर्मी और साहित्यकार जे के पैन्यूली ने बच्चों को प्राकृतिक रंगों की जानकारी देते हुए होली में प्राकृतिक रंग उपयोग करने को कहा। उन्होंने बच्चों को नृत्य कला की बारीकियां भी बताई।
कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन अगस्त्यमुनि के नामोदिप्त बेहरा ने बच्चों से छोटे – छोटे प्रश्न करते हुए बताया कि रोजमर्रा के जीवन में ऐसे ही क्या?, क्यों?, कैसे? का कारण जानने से ही हम विज्ञान को समझने की ओर पहला कदम बढ़ाते हैं।

बालप्रहरी के संपादक तथा बालसाहित्य संस्थान अल्मोड़ा के सचिव उदय किरौला ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यशाला की अवधारणा प्रस्तुत की। उन्होंने बच्चों को एक कहानी सुनाई जो वास्तव में कहानी नहीं थी। इस कहानी को सुनकर बच्चों ने कहानी के मनोरंजक व मजेदार न होने, कहानी में पात्र, संवाद, घटना, देश काल आदि तत्व न होने की बात कही। बच्चों ने समूह में कहानी तैयार की।
प्रारंभ में नंदनी सेमवाल व भूमित सिंह व शिवांशु रावत ने विगत दिवस की रिपोर्ट रखी। बच्चों ने हस्तलिखित पुस्तक के लिए गढ़वाली पहेली, यात्रा विवरण, निबंध व कहानी तैयार की।
आज संपन्न स्मृति चित्रण प्रतियोगिता व अन्य प्रतियोगिताओं के प्रथम द्वितीय तथा तृतीय प्रतिभागियों को संस्कृति प्रकाशन अगस्त्यमुनि के प्रसिद्ध लेखक और इतिहास कार दीपक बेंजवाल की ओर से दस्तक पत्रिका के विभिन्न विशेषांक पुरस्कार में दिये गये ।
आज बच्चों ने काव्य गोष्ठी, नुक्कड़ नाटक, गढ़वाली गीत, समूह गीत, झुमैलो व नृत्य समूह में अपने कार्यक्रम की रिहर्सल की। राजकीय इंटर कॉलेज कोटबांगर के प्रधानाचार्य बी एस रावत ने बच्चों से क्यों, कैसे, जैसे तर्क- वितर्क करने की क्षमता बढ़ाने को कहा। कार्यशाला का समापन शुक्रवार को होगा।
इस अवसर पर जब्बर सिंह(अध्यक्ष विद्यालय प्रबंध समिति), सज्जनसिंह (अध्यक्ष अभिभावक संघ), प्रशासनिक अधिकारी बलीराम नौटियाल, जिला पंचायत सदस्य मंजू देवी, संजय सेमवाल (प्रधान कोटबांगर), शूरवीर मेंगवाल(प्रधान गैठाणा बांगर), दीपा धिरवाण(प्रधान तल्ली जखवाड़ी), इंद्रलाल (प्रधान बधाणी), भगवान सिंह (प्रधान धारकुड़ी), अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के नमोदीप्त बेहरा, मनोज कुमार, प्रदीप सिंह बर्त्वाल, उषा राणा, महिपाल सिंह आदि उपस्थित थे।