विनोद कुमार सिंह
दिल्ली के स्वास्थय मंत्री सत्येंद्र जैन ने आज चाचा नेहरु बाल चिकित्सालय में कॉक्लियर इंप्लांट सुविधा का उद्घाटन किया। इस दौरान गीता कॉलोनी से ‘आप’ विधायक एस.के. बग्गा और अन्य आधिकारी मौजूद रहे। सत्येंद्र जैन ने कॉक्लियर इंप्लांट सुविधा का शुभारम्भ पर अस्पताल को बधाई देते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार जन्म के बाद सुनने में असमर्थ जरूरतमंद नवजात बच्चों को कॉक्लियर इंप्लांट की सुविधा मुफ्त उपलब्ध कराएगी। कॉक्लियर इंप्लांट को दिल्ली सरकार के आरोग्य कोष योजना के अंतर्गत शामिल किया जाएगा। श्री जैन ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने चाचा नेहरू बाल चिकत्सालय में जारी वर्ष में 100 बच्चों को इस तकनीक से लाभांवित करने का लक्ष्य रखा है।
स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने उद्घाटन समारोह के दौरान कहा कि हर एक नवजात बच्चे का अस्पताल से छुट्टी होने से पहले उसकी सुनने की क्षमता की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर 500 नवजात शिशुओं को भी इस योजना की जरूरत पड़ी, तो हम एक भी बच्चे को इस योजना से वंचित नहीं होने देंगे। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में इसकी कार्य क्षमता को बढ़ाने के लिए केजरीवाल सरकार लगातार काम कर रही है और आगे भी अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए समर्पित होकर काम करते रहने की जरूरत है, ताकि दिल्ली वासियों को सरकार की तरफ से मिल रही तमाम तरह की स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिल सके। सरकार की तरफ से पूर्व से निशुल्क मिल रही तमाम स्वास्थ्य सेवाओं की तरह ही दिल्ली आरोग्य कोष के अंतर्गत कॉक्लियर इंप्लांट की सुविधा भी निःशुल्क मिलेगी।
स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान ने मुनष्य को 5 इन्द्रियां दी हैं, जो मानव जीवन को सुचारू ढंग से चलने के लिए जिम्मेदार है। इन सभी पांच इन्द्रियों में सबसे पहला स्थान कान का है, जिसके बाद और सभी इन्द्रियों का स्थान आता है। प्रकृति द्वारा दिए गए सुनने की क्षमता बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन यह सभी प्राणियों के पास नहीं है। इस पर प्रकाश डालते हुए सत्येन्द्र जैन ने कहा कि नवजात बच्चों के जन्म के बाद परिवार वालों को खबर नहीं होती कि उनके बच्चे में सुनने की क्षमता है या नहीं है, लेकिन दिल्ली सरकार की यह प्राथमिकता रहेगी कि हर नवजात बच्चे को हॉस्पिटल से छुट्टी मिलने से पहले उसके सुनने की क्षमता की जांच होनी चाहिए, ताकि इस समस्या का हल निकल सके और सभी बच्चों में सुनने की क्षमता हो। इसे प्रोटोकॉल बनाया जाना चाहिए, क्योंकि दिल्ली में हर साल सैकड़ों बच्चे सुनने की अक्षमता के साथ पैदा होते हैं, जो कभी-कभी माता-पिता को उस दौरान पता नहीं चल पाता है और बाद में सुनने की समस्या का इलाज मुश्किल हो जाता है, लेकिन यदि जन्म के तीन महीने के भीतर इसका इलाज किया जाए, तो यह समस्या ठीक हो सकती है।
सत्येन्द्र जैन ने आगे कहा कि केजरीवाल सरकार दिल्ली के लोगों की बेहतर जिन्दगी और स्वास्थ्य को लेकर प्रतिबद्ध है। एक बार सुनने की समस्या पता लगा लेने के बाद इसका निदान जरूर होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि केजरीवाल सरकार कॉक्लियर इंप्लांट तकनीक से ठीक होने वाले सभी बच्चों को यह सुविधा मुफ्त में मुहैया कराएगी।
स्वास्थय मंत्री ने आगे कहा कि केजरीवाल सरकार दिल्लीवासियों को बेहतर स्वास्थय सेवाएं मुहैया कराने को लेकर प्रतिबद्ध है। इस बात पर बल देते हुए स्वास्थय मंत्री ने कहा कि अगर 500 बच्चों को भी कॉक्लियर इंप्लांट की एक साथ जरुरत पड़ती है, तो एक भी बच्चा नहीं छूटना चाहिए।
दिल्ली सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना के लक्ष्य के बारे में बताते हुए सत्येन्द्र जैन ने कहा कि केजरीवाल सरकार इस योजना में आने वाले पूरे खर्च को उठाएगी और सभी दिल्लीवासी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। साथ ही, चाचा नेहरु बाल चिकित्सालय पर इस साल 100 बच्चों इस तकनीक से लाभांवित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे मिलने वाली इस सुविधा से कोई वंचित न रह जाए। दिल्ली सरकार द्वारा निर्धारित इस लक्ष्य को एलएनजेपी के डॉक्टर्स ने पहले ही हासिल कर लिया है।
सत्येन्द्र जैन ने कॉक्लियर इंप्लांट सुविधा पर खर्च होने वाली लागत के संबंध में बताया कि एक कॉक्लियर इंप्लांट में सरकार को लगभग 5 लाख का खर्च आता है, जिसे अब केजरीवाल सरकार द्वारा लोगों को मुफ्त में उपलब्ध कराई जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि ऐसे बच्चे, जो गंभीर रूप से सुनने में असमर्थ हैं, उन्हें सुनने की मशीन से ज्यादा फायदा नहीं होता है। गंभीर रूप से सुनने में असमर्थ बच्चों को कॉक्लियर इंप्लांट सुविधा से काफी ज्यादा लाभ मिलेगा और उन्हें अपनी जिन्दगी को सुचारू ढंग से चलाने में मदद मिलेगी।