ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से नृत्य और संगीत तोड़ रहे हैं देश-विदेश की सीमाएं

अषमी नोएडा से है जिनके माता-पिता कहते हैं कि हम दोनों ही कामकाजी है , हमारे लिए बहुत मुश्किल था कि सारा दिन बच्चे को घर पर रहकsर कोशिश और शास्त्रीय नृत्य से सुंदर कुछ और हमारी बेटी के लिए हो ही नहीं सकता था और यह देख कर यकीन हो रहा है कि जिस तरह से वह इस नृत्य को सीख रही है वह उसके भविष्य के लिए भी एक अच्छी सकारात्मक पहल हो सकती है

कथक नृत्यांगना माया कुलश्रेष्ठ कहती हैं कि यूं तो 2 साल से हम सभी संकट में है पर टेक्नोलॉजी के माध्यम से हमने यह भी सीखा है कि सीखने के लिए देश विदेश की सीमाएं तोड़ी जा सकती है !

मैं कनिका सिंघल, एक चित्रकार हूं।

नृत्य मेरा दूसरा जुनून है। बचपन में मौका मिला था कथक सीखने का पर बीच में छोड़ना पड़ा। अब फिर से मौका मिला है तो, मैं नृत्यम इंस्टीट्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स से सीख रही हूं। टीचर माया बहुत प्रतिभाशाली हैं और मैं आसानी से ऑनलाइन सीख पा रही हूं।मेरा ये मानना है कि सीखते रहना एक निरंतर प्रक्रिया है और कोई उम्र नहीं होनी चाहिए कुछ भी नया सीखने की।

प्रत्याशीता, मथुरा से कहते हैं कि वहां एक डॉक्टर है और बचपन से ही नृत्य सीखना चाहती थी इस लॉकडाउन में उन्होंने नृत्यम संस्थान मैं सीखना शुरू किया भी एवं संस्था के माध्यम से काफी जगह पर परफॉर्म भी किया जो कुछ ऑनलाइन थे कुछ ऑफलाइन इस तरह से वह अपनी हॉबी को प्रोफेशनली कर रही हैं जिससे उन्हें बहुत खुशी मिलती है और इस समय के लिए यह बहुत जरूरी भी है!

कृतिका अंशिका पुणे से उन्होंने कहा की हमने माया कुलश्रेष्ठ के बारे में जब देखा सुना तो उनकी कक्षाएं लेने का मन हुआ पर क्योंकि वह एनसीआर में है तो हम नहीं ले पाए पर जब ऑनलाइन क्लासेस शुरू हुई तो उनसे जुड़ पाना संभव हुआ और क्योंकि आज के समय में छोटे बच्चे घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं कोई शारीरिक व्यायाम भी नहीं कर पा रहे हैं तो उन्हें स्वस्थ और खुश रखने के लिए शास्त्रीय नृत्य सीखना एक सुंदर अवसर है इससे हम अपने आप को खुश रख पा रहे हैं

प्रीशा गाजियाबाद उत्तर प्रदेश कहती है कि मैं अपने लिए ऑनलाइन क्लास के माध्यम से एक सकारात्मक सोच और भविष्य में आगे बढ़ने के लिए एक सही रास्ता चुन रही हूं मुझे लगता है आज के इस माहौल में अगर मैं नृत्य नहीं सीखते तो मैं बहुत बीमार खुद को महसूस करते क्योंकि इस समय हमारे स्कूल भी बंद है हम कहीं बाहर खेलने भी नहीं जा सकते तो यह जी यह समय एक सजा जैसा अनुभव करते अगर नृत्य नहीं सकते तो

शरण्या बेंगलुरु से का कहना है कि वह पिछले 6 महीनों से ऑनलाइन की कक्षाएं ले रही है और ऑनलाइन नृत्य सीख कर खुश भी है और इसी बीच में उन्हें ऑनलाइन माध्यम से नृत्य करने को भी मिला हालांकि प्रदर्शन करने के लिए मंच से सुंदर कोई स्थान नहीं है पर आज आज के जो हालात है उसमें खुद को खुश रखना भी जरूरी है ताकि हम डिप्रेशन के शिकार ना हो क्योंकि हमारा स्कूल बंद है किसी हॉबी क्लासेस में हम जा नहीं पा रहे हैं तो सारा दिन घर पर रह कर ऑनलाइन पढ़ाई कर कर स्कूल के थकान बहुत हो रही है एक अच्छा विकल्प रहा है जो मुझे बहुत ही क्रिएटिव रखता है

संध्या लोधी स्टूडेंट ऑफ नृत्यम परफॉर्मिंग आर्ट बुलंदशहर उत्तर प्रदेश ऑनलाइन क्लासेस ले रहे हैं संध्या का कहना है कि पहले बुलंदशहर से आकर रेगुलर क्लासेस संभव नहीं थी पर अब मेरा यह सपना सच हुआ और मैं नृत्य सीख कर  अपने आपको निखार लाऊंगी और भविष्य के लिए अपने आप को मंच प्रदर्शन लिए तैयार करूंगी!