रेमडेसिवीर इंजेक्शन के लिए कोरोना मरीजों में मारामारी मची हुई है… इबोला के लिए खोजे गए इस इंजेक्शन की कालाबाजारी जोरो पर हैं… 1000 रुपये के आसपास का यह इजेक्शन एक लाख रुपये तक में बिक रहा है… इस बीच दिल्ली के नामी सर गंगा राम अस्पताल के मुखिया डॉ. डीएस राणा ने कहा है कि रेमडेसिवीर को भी जल्द ही कोरोना वयारस संक्रमण के उपचार से हटाने पर विचार किया जा रहा है… इसके पक्ष में उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमित रोगियों के इलाज में इसकी प्रभावशीलता का कोई सबूत सामने नहीं आया है… साथ ही उन्होंने कहा कि अगर हम कोरोना के उपचार में इस्तेमाल अन्य दवाओं के बारे में बात करते हैं तो रेमडेसिवीर के बारे में ऐसा कोई सबूत नहीं है जो कोविड -19 उपचार में काम करता है… पहले यह कहा जा रहा था कि रेमडेसिवीर दवा सीधे वायरस पर हमला करती है… इसे ‘न्यूक्लियोटाइड एनालॉग’ कहा जाता है जो एडेनोसिन की नकल करता है, जो आरएनए और डीएनए के चार बिल्डिंग ब्लॉक्स में से एक है… बता दें कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च भी इससे कुछ खास उत्साहित नहीं है… इससे पहले रेमडेसिवीर इंजेक्शन के इस्तेमाल पर एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया कह चुके हैं कि प्लाज्मा थेरेपी और रेमडेसिवीर इंजेक्शन ने कोरोना के मृत्यु दर को कम नहीं किया है…