भारत के नए डिजिटल रूल को लेकर अभी कई कंपनियों ने अपना स्टैंड क्लियर नहीं किया है… हालांकि कुछ कंपनियों ने कहा है कि वो डिजिटल रूल को मानेंगे और सरकार जो कहेगी उसका पालन करेंगे… लेकिन WhatsApp को लेकर अभी भी कन्फ्यूजन बरकरार है… बहरहाल, गूगल और अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई ने भारत के नए डिजिलट रूल पर कुछ कहा है… सुंदर पिचाई का कहना है कि कंपनी लेजिस्लेटिव प्रोसेस पर यकीन रखती है और जहां जरूरत होती है वहां पुश बैक भी करती है… गूगल लोकल कानूनों के तहत काम करने के लिए प्रतिबद्ध है और सरकार के साथ नए रेग्यूलेटर फ्रेमवर्क के अनुपालन के लिए सरकार के साथ मिल कर काम करेगा… हालांकि इस नियम से सबसे ज्यादा असर WhatsApp यूजर्स की प्राइवेसी पर पड़ रहा है… पर गूगल के साथ ये समस्या नहीं है, क्योंकि गूगल का मैसेंजर प्लैटफॉर्म नहीं है और उसे मैसेज ट्रेस करने के लिए भी नहीं कहा जा रहा है… ऐसे में सुंदर पिचाई ने कहा है, ‘हम हमेशा हर देश के लोकल कानून की इज्जत करते हैं और हमारे पास क्लियर ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट्स हैं, हम सरकार के रिक्वेस्ट को मानते हैं जब जरूरत पड़ती है’.