वडोदरा स्टेशन पर मुंबई-अहमदाबाद एचएसआर एलाइनमेंट में बदलाव किया गया

हितेन शुक्ला, गुजरात मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेलवे कॉरिडोर के एलाइनमेंट को, उच्च गति की आवश्यकता को पूरा करने के लिए, आम तौर पर सीधे रखा जाता है, जिसके कारण ज्यादातर मार्ग हरे-भरे क्षेत्रों से गुजर रहा है। हालांकि, एचएसआर एलाइनमेंट को आईआर स्टेशनों के समीप लाने के लिए इसे वडोदरा, अहमदाबाद और साबरमती में मोड़ दिया गया है ताकि यात्रियों को दो अलग-अलग परिवहन प्रणालियों के बीच आने-जाने में असुविधा न हो। चूंकि रेलवे स्टेशनों के पास का क्षेत्र बहुत भीड़-भाड़ वाला है, इसलिए एकीकरण के उद्देश्य को पूरा करने में कई कठिनाइयां सामने आ रही हैं, जैसे कि, भूमि अधिग्रहण, सामानों को लाना-ले जाना, रोड डायवर्जन, मल्टी-मॉडल ट्रैफिक प्लानिंग और व्यस्त रेलवे ट्रैक के पास काम करने की कठिन परिस्थितियां। फिर भी, चूँकि परिवर्तित एलाइनमेंट मुख्य स्टेशन भवन के सामने से गुजर रहा है, इसलिए सभी प्रयास स्टेशन के सामने के रंग-रूप को बढ़ाने के लिए किये जा रहे हैं।

वास्तविक योजना
एचएसआर एलाइनमेंट के लिए आरंभिक सर्वेक्षण 2017 की शुरुआत में किया गया था। वडोदरा स्टेशन क्षेत्र में, प्लेटफॉर्म क्षेत्र के पास जहाँ लगभग 13 लाइनें पार की जानी हैं, एचएसआर एलाइनमेंट को पूर्व से पश्चिम तक यार्ड को पार करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। पुल का प्रस्तावित विस्तार पश्चिम से पूर्व तक रेलवे ट्रैक को 100 मीटर + 220 +120 मीटर पार करने का था। वास्तव में, जापानी शिंकानसेन हाई स्पीड नेटवर्क में भी, इतने बड़े पुल का निर्माण कभी नहीं किया गया है। अनुमान के अनुसार, इस पुल के निर्माण में कुल 25000 मीट्रिक टन स्टील की खपत होने की उम्मीद थी।

इस योजना में आने वाली चुनौतियां इस प्रकार थीं-:
क½ लॉन्चिंग योजना में मुश्किल

* प्रस्तावित लॉन्चिंग योजना की सबसे बड़ी चुनौती पिन का डिजाइन है, जिस पर 220 मीटर के गर्डर को घुमाने की योजना है। कहीं भी इस तरह की योजना न तो बनाई गई थी और न ही इसे अंजाम दिया गया था।
* मुख्य गर्डर को लॉन्च करने के लिए एक अस्थायी गर्डर को लॉन्च करने की आवश्यकता होती है, जिस पर मुख्य गर्डर का दूसरा सिरा घूमता है। अस्थायी गर्डर को रनिंग लाइनों पर लॉन्च करना और फिर, मुख्य गर्डर के लॉन्चिंग कार्य के लिए इसका रख-रखाव करना बहुत चुनौतीपूर्ण होता।
* कार्यों के निष्पादन के दौरान ट्रेनों को चलाने की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती होती।
* स्टील गर्डर फैब्रिकेशन और लॉन्चिंग के लिए अनुमानित समय 66.6 महीने था, जो कि परियोजना के कुल समय के अनुरूप नहीं है।

ख) एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया से अनुमति-: यह साइट रेड सीसीजेडएम ज़ोन में आ रहा है यानी वड़ोदरा हवाई अड्डे पर आने और जाने वाले हवाई जहाजों के उड़ान मार्ग पर, और इसके लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया से एयर स्पेस की मंजूरी की आवश्यकता होती है। इस योजना के अनुसार, क्रेन का लॉन्चिंग आर्म एमएसएल से 131 मीटर (रेल स्तर पर 31 मीटर) तक उठाया जाना चाहिए था, जबकि इस स्थान के लिए एएआई मानदंड के अनुसार ऊँचाई को केवल 95.910 मीटर तक ले जाया जा सकता था। इसका मतलब है कि गर्डरों के लॉन्चिंग ऑपरेशन के दौरान, सभी उड़ानों की आवाजाही को रद्द करना पड़ता। आखिरकार, योजना को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा अनुमोदित नहीं किया गया।

ग) आईआर के वडोदरा रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 6 पर प्रमुख प्रभाव नए एचएसआर स्टेशन को आईआर के मौजूदा प्लेटफॉर्म नंबर 6 के ऊपर बनाने की योजना है। इसकी नींव मौजूदा रेलवे लाइनों के बहुत करीब आ रही है, जो निर्माण कार्य को एक बड़ी चुनौती बना देगा। पूरे प्लेटफ़ॉर्म और चारों ओर के क्षेत्र को 12 मीटर x 12 मीटर के ग्रिड द्वारा कवर किया जाएगा। कार्य को कई चरणों में करने की आवश्यकता है। इसके अलावा, चूंकि निर्माण कार्य 3 से 4 वर्षों तक जारी रहेगा, इसलिए यात्रियों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होगी।

समस्याओं पर नियमित बैठकों के दौरान चर्चा की गई और एलाइनमेंट को केवल पूरब की तरफ सीधे ले जाने तथा ट्रैक को यार्ड से आगे पार करने की संभावनाओं का पता लगाने का निर्णय लिया गया। इस योजना को कुछ आवश्यक शर्तों के साथ व्यवहार्य पाया गया: –
क) ट्रैक की वक्रता में परिवर्तन -: वडोदरा क्षेत्र में एलाइनमेंट को पूरी तरह से दोबारा तैयार किया गया था ताकि नए एलाइनमेंट की आवश्यकताओं के साथ-साथ उच्च गति की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।
ख½ स्टेशन के स्थान को पश्चिम के प्रवेश के प्लेटफ़ॉर्म नंबर 6 से बदल कर पूर्वी ओर के प्लेटफार्म नंबर 7 पर कर दिया गया।

इसलिए, नए एलाइनमेंट के अनुसार, एचएसआर एलाइनमेंट ने पोर्टल बाँध पर 40 मीटर के साधारण विस्तार के साथ आईआर पटरियों को पार किया।

नए एलाइनमेंट के लाभ
क) समय का लाभ -: वर्तमान अनुमान के अनुसार, वर्तमान एलाइनमेंट के मुताबिक काम पहले के अनुमानित 66.6 महीनों की तुलना में केवल 48 महीने में पूरा हो जाएगा।
ख) डिजाइन चरण में उल्लेखनीय कमी – पहले की योजना में, कई विशेष पुलों को शामिल किया गया था जिसके कारण इन संरचनाओं के लिए विशेष डिजाइन की आवश्यकता होती। चूंकि अब, अधिकांश विस्तार मानक हैं, अत: विशेष डिजाइन की आवश्यकता तुलनात्मक रूप से बहुत कम है।
ग) स्टेशन का बेहतर स्थान -: वर्तमान स्थान निम्नलिखित आधारों पर बेहतर बहु-मॉडल एकीकरण योजना प्रदान करता है: –

l. वर्तमान स्थान केंद्रीय और स्थानीय बस डिपो के ठीक सामने है और इसलिए इसके साथ बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करता है। इसके अलावा, सभी प्रमुख प्लेटफार्मों को एचएसआर स्टेशन के साथ जोड़ने की योजना है।
ll. वर्तमान व्यवस्था के तहत सड़क मार्ग से एचएसआर स्टेशन तक की पहुंच पहले से बेहतर है।
lll. प्लेटफॉर्म नंबर 7 के सामने पर्याप्त खुली जगह उपलब्ध है, जिसे एचएसआर मल्टी-फंक्शनल कॉम्प्लेक्स, पार्किंग एरिया, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट आदि के लिए विकसित करने की योजना है।

घ) डिस्ट्रीब्यूशन सब स्टेशन (डीएसएस) और सिग्नलिंग इक्विपमेंट रूम (एसईआर) का उचित स्थान – इससे पहले, जगह की कमी के कारण, डीएसएस और एसईआर को दो भागों में बांटने की योजना थी। वर्तमान मामले में, पूरे डीएसएस और एसईआर को एचएसआर स्टेशन के निकट बनाना संभव है।
च) वित्तीय लाभ -: वर्तमान मूल्यांकन के अनुसार, लगभग 2000 करोड़ की बचत हो रही है।
छ) एलाइनमेंट में परिवर्तन के कारण विज्ञापनों और आवास इकाई में बड़े विस्थापन से बचा जा सकता है।
ज½ पहले की योजना में, स्टेशन के पास की सड़कों को अवरुद्ध किया जाना था और उन्हें एचएसआर एलिवेटेड ट्रैक अलाइनमेंट के तहत कवर किया जाना था जिसे अब टाला जा सकता है।