दिल्ली : वर्तमान में कोरोनामहामारी के कारण पर्यावरण एवं विषय बन गया है विश्व पर्यावरण दिवस 2021 पर कई संगठनों ने पर्यावरण की वास्तविकता की ओर हमारा ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया| ऐसा ही एक संगठन है सीएसडीआर फाउंडेशन, सीएलडीआर फाउंडेशन के माध्यम से भारत के विभिन्न राज्यों में घर से वृक्षारोपण अभियान का आयोजन किया गया । इस अभियान और वृक्षारोपण में भारत के 12 राज्यों तथा भारत से बाहर भी तीन अलग-अलग देशों ने सहभागिता की । यह देशहैं दक्षिण कोरिया, मलेशिया और दुबई। अपने अभियान के लिए इस वर्ष सीएसडीआर फाउंडेशन ने “पेड़ लगाओ खुद को बचाओ”का नारा दिया । इस नारे के बारे में संस्था के निदेशक विवेक शर्मा ने बताया कि नारे की उत्पत्ति यह सोच कर की गई कि यदि आपको पर्यावरण में किस तरह से योगदान देना है यह नहीं पता तो भी कोई परेशानी की बात नहीं है, आपको यहाँ पर स्वार्थी भी होना पड़ेगा क्योंकि पर्यावरण की सुरक्षा से ही आत्म संरक्षण हो सकता है । पर्यावरण को बचाने का अर्थ है कि आप आपको बचा रहे हैं । विभिन्न प्रकार से पर्यावरण के विषय पर हम अपना योगदान दे सकते हैं । जिन अलग-अलग प्रकार से पर्यावरण के विषय पर योगदान दिया जा सकता है उनमें से एक है पेड़ लगाना । कोरोनावायरस के कारण इस वर्ष बहुत से लोगों ने अपने घर की बालकनी में ही वृक्षारोपण किया और यह प्रण किया कि जिस समय कोरोनारुकेगा उस समय खुले क्षेत्रों में पौधों को लगा देंगे । कम जनसंख्या घनत्व में रहने वाले लोगों ने बाहर खुले स्थानों में भी पेड़ लगाए । सेंटर फॉर सोशल डेवलपमेंट एंड रिसर्च फाउंडेशन ने पेड़ लगाने वाले लोगों से यह भी अपील की थी कि वे लगाने के पश्चात या लगाते समय अपना वीडियो रिकॉर्ड करके भेजें जिससे कि और लोगों को भी पेड़ लगाने के लिए प्रेरित किया जा सके । दुनिया भर से इस तरह की कई रिपोर्ट आई हैं जहां पर फाउंडेशन के आवाहन पर पेड़ लगाए गए । जैसे कि कोरियाई विश्वविद्यालय की एक छात्र चेतना ने दक्षिण कोरिया में पेड़ लगाया, मलेशिया से गोविंदा ने संगठन के अभियान को अपना समर्थन देने के लिए एक वीडियो बना करके भेजा तथा दुबई से अश्वनी ने अपनी बेटी और बेटे के साथपेड़लगा कर भागीदारी की । इस तरह से बहुत से पर्यावरण योद्धाओं ने सहभागिता की जैसे कि देश राजधानी दिल्ली से हेमा, हिमांशी भगत, हिमांशु भगत, वेदांश, तेजस, सिद्धिगौड़ने पेड़ लगाये । वहीँ दिल्ली के जमुना बाज़ार में पंडित गोपाल झा ने अपनी टीम के अन्य सदस्य दारुद्याल शर्मा, संजय सिंह और रोहित कुमार के साथ मिलकर वृक्षारोपण किया | गाज़ियाबाद से राजीव शर्मा, कीर्ति और कर्नव तथा गोरखपुर से अमित तिवारी, अंकित तिवारी, अजय शर्मा, सुमित तिवारी, अथर्व तिवारी,बृजेश, किर्रिश राव,अपर्णा तिवारी,सरोज ने कुछ पेड़ लगाये और साथ में प्रण लिया किवो पेड़ों की देखभाल अपने घर के सदस्य की तरह करेंगे |बिहार से अविका, मयंका और धीरज शर्मा ने भाग लिय | पूर्वोत्तर राज्यों से भी भागीदारी देखी गई जैसे कि असम के गुवाहाटी से देबयानी पाटीकर ने संस्था के सन्देश को मजबूती देते हुए पेड़ लगवाये | नागालैंड से विभिन्न पर्यावरण योद्धाओं ने भागीदारी की जैसे किजेलितो, कालिका,विलिबो, तोली और एनोचसाथो ने पेड़ लगाये और पर्यावरण से सम्बंधित पोस्टर और विडियो बनाकर सबको प्रोत्साहित किया | राजस्थान के जयपुर से नवल नौडियाल, ज्योति रावत,जिनिषारुदियाल,मिताक्षारारुदियाल ने भी तेज़ गर्मी में बीच पर्यावरण संरक्षण अपनी जिम्मेदारी समझते हुए पेड़ लगाये | जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी विश्वविद्यालय की पीएचडी स्कॉलरअरात्रिका भद्रा ने भाग लिया, यह कई वर्षों से सीएसडीआर फाउंडेशन की गतिविधियों में अपना योगदान देती रही हैं | इस वर्ष भी उन्होंने “पेड़ लगाओ खुद को बचाओ” नारे के साथ अपना नेतृत्व प्रदान किया | केरल के आईटी प्रोफेशनल अभय वर्मा और कर्नाटक से शिवानंद, प्रीति, तनुश्री, मंजुला औ बहुत से लोगों ने खुले इलाकों में पेड़ लगाए | उत्तराखंड के चमोली से पुष्कर नेगी ने मौसमी का पेड़ लगाकर भागीदारी की अनिरुद्ध मुद्गल ने हरियाणा में अपनी एक टोली बनाकर पेड़ लगाए इस टोली के कुछ भागीदारों के नाम है दीपक, प्रशांत, नितिन, ऋतिक, यमन | हरियाणा के पलवल से रियांश कौशिक ने भी पेड़ लगाकर पर्यावरण को सुरक्षित रखने में अपना योगदान दिया |