श्रद्धा और भक्ति से मनाया गया गुरुपूर्णिमा महोत्सव, नव-जिज्ञासुओं को दी गई शक्तिपात-दीक्षा
सूरत, २४ जुलाई। ‘इस्सयोग’ एक अत्यंत सहज और गुरुकृपा से सरलता से की जाने वाली आध्यात्मिक साधना-पद्धति है। यह क्रिया मन को साधने तथा ब्रह्म-प्राप्ति की प्रक्रिया है। गुरु-कृपा से, इसे कोई भी सामान्य गृहस्थ स्त्री-पुरुष सरलता से कर सकता है।
यह बातें आज आध्यात्मिक संस्था ‘अन्तर्राष्ट्रीय इस्सयोग समाज’ के तत्त्वावधान में आज स्थानीय अग्रसेन भवन में आयोजित गुरु-पूर्णिमा महोत्सव में अपना आशीर्वचन देती हुईं, संस्था की अध्यक्ष और ब्रह्मनिष्ठ सद्ग़ुरुमाता माँ विजया जी ने कही। माताजी ने कहा कि यदि शिष्य-साधक निरंतर अपने हृदय में गुरु को स्थित रख कर साधना के पथ पर बढ़ता है, तो सदगुरु उसके समस्त कुशल क्षेम को अपने हाथ में ले लेते हैं। साधना की शक्ति असीमित है । किंतु यह श्रद्धा और समर्पण से किया जाना आवश्यक है । अंधेरे की शक्तियाँ साधना में बाधा उत्पन्न करती है।उन पर मन की शक्ति से जय पा सकते हैं! प्रत्येक मानव को वर्तमान में जीना चाहिए। हर क्षण यह स्मरण करना चाहिए कि हमारी साँसे चल रही है और उसी में प्राण-शक्ति है। उसी में परमात्मा है ।
इसके पूर्व पूर्वाहन १०-३० बजे एक दिवसीय इस महोत्सव का उद्घाटन माता जी के निदेशानुसार संस्था के संयुक्त सचिव छोटे भैय्या संदीप गुप्ता ने दीप-प्रज्ज्वलित कर तथा सचिव के एस वर्मा ने संस्था के संस्थापक अध्यक्ष ब्रह्मलीन सदगुरुदेव महात्मा सुशील कुमार के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। इसके पश्चात सद्ग़ुरुदेव की सूक्ष्म उपस्थिति हेतु आह्वान की आंतरिक साधना की गई। आह्वान-साधना के पश्चात विधिवत गुरु-पूजन किया गया। इस्सयोगियों के प्रतिनिधि के रूप में संस्था के सचिव के एस वर्मा तथा संयुक्त सचिव उमेश कुमार यज्ञमान तथा पं दीनानाथ शास्त्री ने पुरोहित के रूप में पूजन कार्य संपन्न किया ।
इस अवसर पर बिहार हिन्दी सम्मेलन के अध्यक्ष डा अनिल सुलभ, ममता जमुआर, मधुबाला, पिंकी कुमारी, कुंदन चौधरी, जितेन्द्र सिंह, निकिता दीप्ति, विनोद तकियावाला, ऋतुवाला, अरविन्द साहू, संतोष कुमार, प्रिंस राज, राजेश झा, निखिल कुमार, अमित लोहानी, सृष्टि पूनम गुलाटी आदि ने अपने श्रद्धा-उद्गार व्यक्त किए।
आज ही सद्ग़ुरुमाँ द्वारा नव-जिज्ञासु स्त्री-पुरुषों को, इस्सयोग की सूक्ष्म आंतरिक साधना आरंभ करने के लिए आवश्यक शक्तिपात-दीक्षा भी प्रदान की गई।
यह जानकारी देते हुए, संस्था के संयुक्त सचिव डा अनिल सुलभ ने बताया कि महोत्सव की सफलता हेतु संस्था के संयुक्त सचिव उमेश कुमार, संगीता झा, लक्ष्मी प्रसाद साहू, शिवम् झा, दिव्या झा,समेत देश के विभिन्न प्रांतों से निर्धारित संख्या में पधारे संस्था के अधिकारी, स्वयंसेवक तथा साधक-गण उपस्थित थे।