स्वर्णिम विजय मशाल गुजरात के गांधीनगर स्थित दक्षिण-पश्चिम वायु कमान मुख्यालय पहुंची

गुजरात: हमारा देश 1971 के युद्ध में जीत प्राप्त करने के 50 साल पूरे होने के जश्न को मना रहा है। भारत सरकार की ओर से 2020-21 को स्वर्णिम विजय वर्ष के रूप में घोषित किया गया है। स्वर्णिम विजय वर्ष भारतीय सशस्त्र सेना के उन महान वीरों और नायकों को समर्पित है, जिन्होंने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया था। 1971 के उस ऐतिहासिक युद्ध में हुई जीत के दौरान विश्व युद्ध II के बाद सबसे बड़ा सैन्य आत्मसमर्पण हुआ था, जहां दुश्मनों के लगभग 93000 सैनिकों ने अपने हथियार भारतीय सशस्त्र सेना के सामने डाल दिए।

इस कार्यक्रम की शुरुआत माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में 16 दिसंबर 2020 को विजय दिवस के दिन विजय मशाल का प्रज्वलन करके की और इसे देश के सभी कोनों में भेजा गया। यह विजय मशाल देश के सभी नगरों और कस्बों में स्थित छावनियों में ले जाया जा रहा है, ताकि सभी जगह 1971 के युद्ध के वीरों का जयघोष हो।

दक्षिण-पश्चिम वायु कमान गांधीनगर ने 24 अगस्त को स्वर्णिम विजय वर्ष की इस विजय मशाल का स्वागत किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उस जीत का जश्न मनाया और हमारे वीरों के सर्वोच्च बलिदान को याद किया गया। विजय मशाल का स्वागत पूरे सैन्य सम्मान के साथ हुआ और परिसर में विजय मशाल के मार्ग में वायु सेना के जवानों ने देशभक्ति से ओतप्रोत होकर खुशी मनाई। दक्षिण-पश्चिम वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ एयर मार्शल संदीप सिंह AVSM VM ने युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण किया और स्वर्णिम विजय मशाल को अपनी श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर सभी वरिष्ठ अधिकारी और वायु योद्धा मौजूद रहे।