अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे को देखते हुए गूगल ने अफगान सरकार के कई ईमेल अकाउंट्स को अस्थाई तौर पर बंद कर दिया है… दरअसल, पूर्व अधिकारियों और उनके अंतरराष्ट्रीय साझेदारों द्वारा छोड़े गए महत्वपूर्ण डिजिटल दस्तावेज लीक होने का डर है, इसी के मद्देनजर गूगल ने यह कदम उठाया है… बता दें कि तालिबान ने सभी अनुमानों को ध्वस्त करते हुए महज कुछ ही दिनों में काबुल पर कब्जा कर लिया था… ऐसे में विदेशी अधिकारियों को आनन-फानन में अफगानिस्तान छोड़ना पड़ा और कई अहम दस्तावेज भी पीछे ही छूट गए… गूगल की तरफ से कहा गया है कि विशेषज्ञों के परामर्श पर कंपनी अफगानिस्तान की स्थिति का लगातार आकलन कर रही है और जरूरी अकाउंट्स को सुरक्षित करने के लिए अस्थायी कार्रवाई की जा रही है… इस मामले से परिचित व्यक्ति ने बताया कि तालिबान पूर्व सरकारी अधिकारियों के खातों को एक्सेस करना चाहता है… इसीलिए कुछ खातों को बंद किया गया है, ताकि महत्वपूर्ण जानकारी तालिबान के हाथ न लगे… जानकारी के अनुसार, स्थानीय अफगान सरकार और राष्ट्रपति प्रोटोकॉल के कार्यालय के साथ, लगभग दो दर्जन अधिकारी, जिनमें से कुछ वित्त, उद्योग, उच्च शिक्षा और खान मंत्रालयों के हैं, आधिकारिक कम्युनिकेशन के लिए गूगल का ही इस्तेमाल कर रहे थे… माना जा रहा है कि अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान बायोमेट्रिक और अफगान पेरोल डेटाबेस का इस्तेमाल अपने दुश्मनों के खिलाफ कर सकता है…