कथक नृत्यांगना माया कुलश्रेष्ठ द्वारा रचित और निर्देशित नृत्य नाटिका मेरे राम का प्रसारण डीडी नेशनल और डीडी भारती पर किया गया l इस को दर्शकों द्वारा सराहा गया माया ने मेरे राम को सीता हृदय के भावों से समझाया है माया ने कहा कि मेरे राम को लिखते समय मैंने पूरी कोशिश की है की सीता जैसे व्यक्तित्व की महिला किस तरह से राम को देखेगी जब राम ने उस की अग्नि परीक्षा ली तो वह राम के प्रेम में थी ,वह राम के मन को भी समझ पाई यह एक असाधारण प्रेम गाथा है
अक्सर राम को प्रश्नवाचक नजरो से देखा जाता है सीता पर की गयी अग्नि परिक्षा के लिए पर देखिये जब स्त्री मन और तन जब स्वयं को प्रेम में समर्पित करती है तो उसके पास हर उस प्रश्न का उत्तर होता है जो उसके पुरुष के पास नहीं है एक ऐसी महिला जो हर प्रश्न का उत्तर दे सकती है हर समस्या का समाधान दे सकती हो दृढ़ हो निश्चयी है और अपने प्रेम पर अटूट आस्था विश्वास हो तो वह अपने ऊपर अपने प्रेम के ऊपर किसी तरह का संशय नहीं करती है , मेरे राम में सीता से उसके राम को जानिये !
मेरे राम में तीन विभिन्न प्रकार के शास्त्रीय नृत्य कत्थक ,उड़ीसी और भरतनाट्यम का प्रयोग किया गया है l कत्थक माया कुलश्रेष्ठ और नृत्यम इंस्टीट्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट की छात्राएं ओडिसी कविता मोहंती एवं छात्राएं द्वारा भरतनाट्यम त्रिशलीला एवं उनके छात्राएं.