दिनांक 26 सितम्बर, 2021 को मशाल सोसल वेलफेयर सोसाईटी के तत्वधान में राजधानी दिल्ली स्थित एन.डी.एम.सी. कन्वेंशन हॉल में बड़े धूमधाम के साथ करम महोत्सव का आयोजन किया गया| कार्यक्रम की शुभ शुभारम्म मोहन बड़ाईक, भाजपा नेता रजनीकांत मोदी, आदि गणमान्य व्यक्तियों के द्वारा दीप प्रज्वलन कर की गयी| संस्था राजधानी दिल्ली में विगत बीस वर्षों से करम महोत्सव एवं विभिन्न प्रकार के आदिवासी पर्व- त्योहारों का आयोजन निरंतर करते आ रहे हैं, जनजातीय कला, संस्कृति, नृत्य एवं गायन के विभिन्न रूपों को बढ़ावा देने एवं आदिवासी प्राचीन संस्कृति की रक्षा के साथ-साथ विभिन्न राज्यों से आकर दिल्ली में प्रवास करने वाले आदिवासी समाज के भाई-बहनों को संस्था ने एक मंच पर लाने का अथक प्रयास किया है। इस शुभ-अवसर पर माननीय केंद्रीय राज्य मंत्री, श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सह सांसद लोक सभा श्री जुएल ओराम एवं दिल्ली प्रदेश भाजपा के लोकप्रिय अध्यक्ष श्री आदेश गुप्ता जी सहित कई गणमान्य उपस्थित हुए|
इस अवसर पर जुएल ओराम जी माननीय सांसद ने अपने उद्बोधन में कहा कि मशाल सोशल वेलफेयर सोसायटी द्वारा आदिवासी कला, संस्कृति, वेशभूषा एवं जल जंगल जमीन के हित कार्यरत है और यहीं संस्था का उदेश्य है कि दिल्ली में प्रवास करने वाले लगभग बारह लाख से भी अधिक प्रवासी आदिवासी अपनी प्राचीन परंम्परा से जुड़े रहें आने वाली भावी पीढ़ी को अपनी संस्कृति के बारे में मार्गदर्शन मिल सके| करम त्योहार व्यापक रूप से झारखंड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, मध्य प्रदेश और बिहार के आदिवासी लोगों के बीच प्रचलित है।यह आदिवासियों का महान पर्व भक्ति के उत्सव बरसात के मौसम के दौरान भद्र माह (अगस्त सितंबर के महीने के उज्ज्वल छमाही में) जगह लेता है। ज्यादातर यह उज्ज्वल पखवाड़े के ग्यारहवें दिन पर आयोजित किया जाता है|
माननीय केन्द्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते जी ने कहा कि मशाल सोसल वेलफेयर सोसाईटी पिछले कई वर्षों से आदिवासीजनजातीय कला एवं संस्कृति को जीवित रखने का अथक प्रयास किया है इस प्रकार उन्होंने करम पर्व मनाने की शुभकानाएं दीं|
प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता जी ने अपने संबोधन में कहा है कि दिल्ली में आदिवासी समुदायों की भारी संख्या में रहते हुए भी इस समुदाय को आज तक अपने पहचान के लिए संघर्ष कर रहा है यह बहुत ही दुखद बात है, परन्तु भारतीय जनता पार्टी इस समस्या को लेकर उनके साथ खरे हैं, इस प्रकार उन्होंने सबों को करम का संदेश दिया|
इस शुभ-अवसर पर समाज और देश के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले कुछ प्रतिभाषाली हस्तियों को बिरसा मुंडा स्मृति चिन्ह अचीवर्स अवार्ड भी दिया जाएगा| करम वृक्ष जिसमे ईश्वरीय शक्ति का वास होता है, आदिवासी समाज में मान्यता है कि करम पूजा एवं व्रत से कन्यायों को सुंदर, सुशील, कुशल और बुद्धिमान संतान के साथ-साथ अच्छे भाई की प्राप्ति होती है| यह पर्व आदिवासी जीवन और प्रकृति के बीच का संबंध को भी दर्शाता है, करम महोत्सव का शुभारंभ सुबह से शाम रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं झारखण्ड के मशहूर नागपुरिया कलाकारों के साथ धूमधाम से मनाया गया| इस मौके वीर नारायण सिंह जी पर आधारित हिन्दी फिल्म जिसका मुख्य पात्र आर्यपुत्र ही उसका बिमोचन भी किया गया|