दर्शकों का दिल जीत ले गये मैकेनिकल इंजीनियर मुकुल राठी

नई दिल्ली।
बच्चों में करके सीखने की ललक पैदा करके, विज्ञान को जानने /समझने के उद्देश्य से राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उत्तराखंड के निर्देशन में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान रतूड़ा रूद्रप्रयाग द्वारा आयोजित “हमारा अपना विज्ञान,हमारा सपना विज्ञान” राष्ट्रीय प्रयोगात्मक वेबीनार कार्यशाला के पाँचवे चरण के रविवार को आई आई टी कानपुर के स्नातक मैकेनिकल इंजीनियर श्री मुकुल राठी ने “दाब की उड़ान” शीर्षक के अन्तर्गत वायुमण्डलीय दाब कहाँ, कैसे अपना प्रभाव डालता है, पर अपने लाइव प्रयोगों से बच्चों का मन मोह लिया।

“दाब की उड़ान” नामक अपने सत्र की शुरुआत करते हुए श्री मुकुल राठी ने इंजेक्शन सीरिंज के माध्यम से बताने का प्रयास किया कि पिस्टन को पीछे खींचने पर, हाथ से छोड़ते ही वह बाहरी हवा के दाब के कारण पुनः वावस चला जाता है, क्योंकि इंजेक्शन के अंदर की हवा का आयतन पिस्टन को बाहर खींचने पर, बढ़ जाता है, जिससे इंजेक्शन के अंदर उपस्थित हवा का दाव घट जाता है, और बाहरी हवा का दाब , पिस्टन को तेजी से अंदर की ओर ठेलती है। आई आई टी कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियर श्री मुकुल राठी विशेषत:शिक्षक प्रशिक्षण में भौतिक विज्ञान के प्रशिक्षक रूप में चर्चित हैं।
श्री मुकुल राठी जी ने अपने प्रयोगिक प्रदर्शन में बताया कि कैसे वायुदाब के माध्यम से वस्तुओं को आकाश में ही लटकाया जा सकता है, इसके लिए उन्होंने गेंद को आकाश में ही लटकाये रखने के लिए नीचे से ब्लोअर (हवा फेंकने वाले यन्त्र) के माध्यम से ऊपर की ओर जाने वाली हवा का दाब बढ़ाकर, गेंद को हवा में ही घुमा!/लटका कर दिखाया। बरनौली थ्योरम को बहुत ही सरल और रोचक ढंग से समझाते हुए उन्होंने की प्रयोग सामने रखे। हवा का दबाव बढ़ाकर या घटाकर हम किन किन कार्यों को सरलतम ढंग से कर सकते हैं, यह भी बताने का प्रयास किया। हवाई जहाज और हैलीकॉप्टर के विशेष प्रकार के डैनों (पंखों) की बनावट का कारण, उन्होने कागज के माध्यम से सोदाहरण समझाया, कि कैसे विशेष बनावट के कारण पंखें गुरुत्वाकर्षण के विरूद्ध वायु दाब निर्मित करते हुए, जहाज को ऊपर उठाने में सफल होते हैं।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए रूद्रप्रयाग जनपद के शिक्षक हेमंत चौकियाल ने आज के

कार्यक्रम में शामिल अतिथियों का परिचय कराते हुए बताया कि आज के प्रोग्राम में दो खास मेहमान शिरकत कर रहे हैं।
इनमें DEAL ( Defense Electronics Application Leboratory के वरिष्ठ वैज्ञानिक श्री डी पी त्रिपाठी ने कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा कि बच्चों में विज्ञान के प्रति रूचि एवं

वैज्ञानिक नजरिया विकसित करने में यह श्रृंखला बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है, बच्चे करके सीखने की ओर प्रेरित हो रहे हैं।
कार्यक्रम के समापन के अवसर पर बोलते हुए देशबन्धु कॉलेज नई दिल्ली, भौतिकी विभाग नई दिल्ली के प्रोफेसर डॉ० पंकज सिंह ने कहा कि कार्यक्रम विज्ञान की समझ बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है, उन्होंने भौतिकी को विज्ञान की रीढ़ बताते हुए कहा कि यदि भौतिक विज्ञान की समझ विकसित हो जाय, तो बच्चों में आसानी से वैज्ञानिक सोच
का विकास हो जाता है।

डॉ० पंकज सिंह ऑन लाइन प्रयोगात्मक कार्यों का प्रदर्शन करते हुए, बच्चों में विज्ञान की समझ बढ़ाने के इस कार्यक्रम के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उत्तराखंड (देहरादून) और जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान रतूड़ा रूद्रप्रयाग की प्रशंसा करते हुए कहा कि “हमारा अपना विज्ञान, हमारा सपना विज्ञान” की टीम का यह प्रयास स्तुत्य है।

डॉ० पंकज सिंह जी ने अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए फाउण्डेशन के तकनीकी विशेषज्ञ श्री माधव गैरोला और मेजवान जनपद के फाउण्डेशन के जिला समन्वक श्री दीपक रावत और उनकी टीम का बहुत बहुत धन्यवाद ज्ञापित किया।

यदि आप इस कार्यक्रम को लाइव न देख पाये हों तो अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय के यू ट्यूब चैनल के इस लिंक पर क्लिक कर
कार्यक्रम की रिकार्डिंग को देख का सकते हैं-

कार्यक्रम के अंत में जनपद रुद्रप्रयाग के ऊखीमठ विकास खण्ड के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी श्री रवि कुमार जी के निधन का समाचार मिलने पर एक
मिनट का मौन रखते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हुए, उनके परिवार को इस असह्य दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई।
श्री रवि कुमार जी जनपद ही नहीं बल्कि प्रदेश के लोकप्रिय शिक्षा अधिकारियों में शामिल थे, जिन्हे अपने शैक्षिक सुधारों के लिए ही नहीं, बल्कि समाज के साथ-साथ विभाग में भी अच्छे व्यवहार व कार्यों के लिए जाना जाता था।
“हमारा अपना विज्ञान, हमारा सपना विज्ञान” की पूरी टीम ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए, दिवंगत आत्मा की आत्मिक शांति के लिए प्रार्थना करते हुए कहा कि स्व० रवि कुमार जी को उनके शैक्षिक सुधारों के लिए हमेशा याद रखा जायेगा।