चारधाम हाईवे परियोजना के तहत सड़क चौड़ीकरण से जुड़ी एक अर्जी पर सुनवाई के दौरान सरकार ने अपने जवाब में कहा कि हम 1962 की तरह सोते हुए नहीं रह सकते… ये मुद्दा चारधाम तीर्थयात्रियों से ज्यादा सेना की जरुरतों का है… चीन ने उस पार बुनियादी ढांचा तैयार कर लिया है और 1962 जैसी जंग को टालने के लिए सेना को चौड़ी और बेहतर सड़कों की जरूरत है… सरकार ने कोर्ट को बताया कि ऋषिकेश से गंगोत्री, ऋषिकेश से माना और तनकपुर से पिथौरागढ़ जैसी सड़कें जो देहरादून और मेरठ के आर्मी कैम्प को चीन की सीमा से जोड़ती हैं… इन कैम्प में मिसाइल लॉन्चर और हेवी आर्टिलरी मौजूद है… केंद्र सरकार ने कहा कि आर्मी को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने की जरूरत है और हम 1962 की तरह सोए नहीं रह सकते… कोर्ट ने कहा कि इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि सीमा पर विरोधी बुनियादी ढांचा तैयार कर रहा है…