गुजरात: RAF100 (रेपिड एक्शन फोर्स)द्रुत कार्य बल की 31 वी वर्षगांठ के अवसर पर अहमदाबाद के वस्त्राल स्थित RAF 100 वी वाहिनी के कैम्प परिसर में मेले का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री गोविन्द प्रसाद उनियाल कमाण्डेन्ट 100 वाहिनी द्रुत कार्य बल के कर कमलो द्वारा दीप प्रज्वलित कर एवं बैलून/कबुतर उडाकर कार्यक्रम का विधवत शुभारंभ किया। कमाडेन्ट 100 वाहिनी द्रुत कार्य बल ने सभी अधिकारियों, जवानों और उनके परिवारजनों को वाहिनी के स्थापना दिवस एवं मेले में सम्मेलित होनेे हेतु शुभकामनाए देते हुए सभी का स्वागत किया।
वाहिनी के कैंप परिसर में आयोजित मेले में वाहिनी की कंपनियों, यूनिट केन्टिन द्वारा विभिन्न प्रकार के खाने-पीने का स्टॉल, बच्चों के मनोरंजन के लिए झूला, मिक्की माउस एयर बैग, टेम्पोलिन, बासूरी, एयरगन, घोडासवारी, उंटसवारी आदि खेलों का आयोजन किया गया। इसी के साथ कैंप के आसपास के स्कूली बच्चों के लिए विभिन्न प्रकार के खेलो का आयोजन भी किया गया एवं इन कार्यक्रमो में स्कूली बच्चो ने अपनी प्रतिभा को पूरे उत्साह के साथ प्रदर्शित किया। मेले में अहमदाबाद शहर के अन्य व्यवसायिक संस्थानो को भी अपना-अपना उत्पादन प्रदर्शीत करने का अवसर भी प्रदान किया गया।
मेले में सर्वश्रेष्ठ स्टॉल, फैन्सी ड्रैस प्रतियोगिता, एवं अन्य खेलखूद प्रतियोगिता के विजेताओं को उपयुक्त पारितोशक से गोविन्द प्रसाद उनियाल, कमाण्डेन्ट 100 वी वाहिनी द्रुत कार्य बल द्वारा सम्मानित किया गया।
इस विशेष मेले के आयोजन की विविधता को वाहिनी के अधिकारियों के साथ-साथ महत्वपूर्ण विभागो में कार्यरत अधिकारीयो द्वारा सराहा, एवं वाहिनी कमाण्डेन्ट गोविन्द प्रसाद उनियाल, के साथ वाहिनी के अधिकारी व जवानो की मेहनत के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाए दी।
यह बटालियन सी.आर.पी.एफ की 100 वाहिनी के तौर पर 1990 में नागपुर में स्थापित हुई, एवं वर्ष 1994 में नागपुर में स्थापित हुई, एवं वर्ष 1994 में यह बटालियन दंगा नियंत्रण विशेष बल का प्रशिक्षण प्राप्त कर आर0ए0एफ (द्रुत कार्य बल) के तौर पर परिवर्तित हुई। यह वाहिनी ने गुजरात के अहमदाबाद में दंगा नियंत्रण जैसे स्थिति से निपटने के लिए तैनात हुई, वाहिनी ने गुजरात के अहमदाबाद सूरत एवं वडोदरा शहरो में रथयात्रा, गणेश विसर्जन व मुहर्रम जैसे प्रयोजनो पर कानून व्यवस्था बनाने में स्थानीय पुलिस की विशेष सहायता दी। जिसमें समय-समय पर प्रशासनिक एवं पुलिस संस्थाओं द्वारा सराहा एवं सम्मानित किया गया। इसके उपरान्त इस वाहिनी ने सामाजिक कार्य जैसे कार्यो में भी अपना सराहनीय योगदान देती रही है।
100 वाहिनी द्रत कर्य बल का मुख्य उदेश्य आम जनता के बीच जाकर पुलिस फोर्स की छबी को अधिक मजबुत बनाना है, एवं असामाजिक तत्वो के लिए एक कडी चुनौति पेश करते हुए कानून व्यवस्था बनाये रखने में स्थानीय पुलिस की सहायक बनना है।