नई दिल्ली ,10दिसम्बर 21.
केंद्र सरकार द्वारा तीनो कृषि कानून की वापस लेना सहारणीय कदम है। आज किसान संगठनों द्वारा पत्रकार सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसको प्रमुख रूप से संबोधित करने वालों में किसान संगठनों के सुप्रीम कोर्ट के कानून के प्रख्यात विधि वक्ता वकील डॉ. ए पी सिंह रहे, जिन्होंने पूर्व में भारत सरकार द्वारा बनाए गए एवं महामहिम राष्ट्रपति द्वारा समर्थित एवं हस्ताक्षरित 3 कृषि कानूनों के खिलाफ विभिन्न संगठनों के द्वारा याचिकाएं लगाई थी, जिसको तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई मे तीन वरिष्ठ जजों की अति महत्वपूर्ण खंडपीठ ने कई दिनों तक मैराथन सुनवाई के बाद किसानों के वकील डॉ. ए पी सिंह की दलीलों एवं भारत देश के तमाम किसानों की हालातों को मद्देनजर रखते हुए तत्काल प्रभाव से रोक / स्टे लगा दिया था अब केंद्र में नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने किसानों को नागवार गुजरने वाले तीनों कृषि कानूनों को संसद के शीतकालीन सत्र में भारत के केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर की अध्यक्षता में वापस लेकर खत्म कर दिए हैं, केंद्र सरकार के इस महत्वपूर्ण कदम की सभी किसान संगठनों ने भूरि भूरि प्रशंसा की और वकील डॉ. ए पी सिंह के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में विभिन्न संगठनों द्वारा लंबित याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट से याचिकाकर्ताओं के सहयोग से वापस लेने की कानूनी प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की गई !
वकील डॉ.ए पी सिंह ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता द्वारा तीनों कृषि कानूनों को रद्द कराने के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की,
पत्रकार सम्मेलन में प्रमुख रूप से उपस्थित भारतीय किसान यूनि लोकशक्ति के राष्ट्रीय अध्यक्ष, मास्टर श्योराज सिंह ने सुप्रीम कोर्ट से स्टे मिलने के बाद लंबित सभी याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट से कानूनी तरीके से वापस करने की बात दोहराई और केंद्र सरकार से गुजारिश करते हुए कहा कि सरकार को तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने पर किसानों पर जो मुकदमे बने हैं उनको भी वापस लेने के बारे में माननीय नरेंद्र मोदी जी की सरकार को कारगर कदम उठाना चाहिए!