उत्तर प्रदेश में मौनी अमावस्या के मौके पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा… मौनी अमावस्या के दिन पवित्र गंगा नदी में स्नान करने का खास महत्व है… धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आज के पावन अवसर पर गंगा स्नान करने से सभी पाप मिट जाते हैं और कष्ट दूर होते हैं साथ ही मोक्ष की प्राप्ति होती है… सभी देवी-देवताओं की गंगा स्नान करने वालों पर कृपा होती है… मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखने, भगवान विष्णु और पीपल के पेड़ की पूजा करने की परंपरा है… संगम की रेती पर लगे माघ मेले का यह तीसरा स्नान पर्व मौनी अमावस्या का है… कड़ाके की ठंड के बावजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालु देश के कोने कोने से संगम नगरी प्रयागराज पहुंचे… श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान कर दान पुण्य भी किया… इस स्नान पर्व पर देश के कोने-कोने से 40 से 50 लाख श्रद्धालुओं के प्रयागराज पहुंचने का अनुमान है… माघ महिने के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली अमावस्या को ही माघ अमावस्या या मौनी अमावस्या भी कहते हैं… मान्यता है कि गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाने से श्रद्धालुओं के शरीर के साथ ही आंतरिक काया का भी शुद्धिकरण होता है…