बिहार के एक डिजिटल भिखारी की आजकल खूब चर्चा है… चर्चा इसलिए कि भिखारी, गले में क्यूआर कोड की तख्ती टांग कर लोगों से भीख मांगता है… बिहार के बेतिया के रेलवे स्टेशन पर भीख मांगने वाले भिखारी डिजिटल भिखारी के रूप में फेमस है… यहां बचपन से ही भीख मांग कर बड़ा हुए राजू ने अब अपने भीख मांगने के धंधे को भी डिजिटल कर दिया है… राजू की पहचान डिजिटल भिखारी के रूप में होती है… वह गले में गूगल-पे और फोन-पे के ई- स्कैन करने वाली तख्ती टांग कर भीख मांगता है… वह हाथ में टैब लेकर रहता है… भीख मांगने पर कोई उसे कहता है कि छुट्टे नहीं है तो वह लोगों से कहता है बाबूजी पे फोन कर दो, गुगल पे कर दो… उसके बारे में लोग कहते हैं कि राजू बिहार का शायद पहला डिजिटल भिखारी है… हलांकि राजू का दावा है कि वह देश का पहला डिजिटल भिखारी है… राजू को लोग मंदबुद्दि बताते हैं… लेकिन राजू की सोच स्मार्ट है… ये अलग बात है कि उसकी स्मार्ट सोच भीख मांगने जैसे काम के लिए है… लोग उसके भीख मांगने के अंदाज के कायल हैं… उसके बारे में स्थानीय लोग बताते हैं कि वह बचपन से ही यहीं भीख मांग रहा है… वह बड़े ही अलग अंदाज में लोगों से भीख मांगता है… इसकी वजह से उसे आराम से भीख मिल जाती है… लेकिन पिछले कुछ दिनों से जब लोग छुट्टे पैसे नहीं है कहकर भीख देने से मना करने लगे तो उसने एक बैंक में जाकर खाता खुलवाया… जिसके बाद उसने ई-वॉलेट बना कर गले में क्यूआर कोड वाली तख्ती टांग कर भीख मांगनी शुरू कर दी… जिससे उसकी आमदनी बढ़ गई है…