जसकोट (अल्मोड़ा)। राजकीय प्राथमिक विद्यालय जसकोट में रूम टू रीड द्वारा आयोजित रीडिंग कैंप में बच्चों को पुस्तकें उपहार में दी गई। रीडिंग कैंप में बालप्रहरी तथा बालसाहित्य संस्थान की ओर से रूम टू रीड तथा देश के प्रतिष्ठित रचनाकारों की पुस्तकों की प्रर्दशनी लगाई गई। बच्चों से इस प्रदर्शनी से अपनी मन पसंद पुस्तक पढ़ने को कहा गया। जो बच्चे पुस्तक पढ़ नहीं पाते उन्हें रूम टू रीड की चित्र आधारित पुस्तकें छांटने को कहा गया। उसके बाद स्वेच्छा से पुस्तक पर अपनी समीक्षा प्रस्तुत करने वाले 30 बच्चों को हूंदराज बलवाणी, श्यामपलट पांडेय, राजकुमार ‘निजात’, डॉ.शील कौशिक, दीनदयाल शर्मा, दिनेश भट्ट, डॉ. आर.पी.सारस्वत, सुधा भार्गव, डॉ.कमल चोपड़ा, रतनसिंह किरमोलिया, खुशाल सिंह खनी आदि प्रतिष्ठित रचनाकारों की पुस्तकें उपहार में दी गई। कुछ बच्चों ने बालप्रहरी पत्रिका पर भी अपनी समीक्षात्मक टिप्पणी की।
रीडिंग कैंप के संयोजक तथा बालप्रहरी के संपादक उदय किरौला ने रीडिंग कैंप की अवधारणा प्रस्तुत करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत अब निपुण भारत अभियान में स्कूल प्रबंध समिति तथा अभिभावकों की महत्वपूर्ण भूमिका सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा कि रीडिंग कैंप का उद्देश्य, बच्चों में पठन-पाठन की संस्कृति जाग्रत करना तथा अभिभावकों को घर के काम करते हुए बच्चों के साथ घर पर बुनियादी साक्षरता तथा कौशल आधारित गतिविधियां करने के लिए प्रेरित करना है।
भारत ज्ञान विज्ञान समिति के प्रांतीय कोषाध्यक्ष तथा राजकीय इंटर कालेज जसकोट के शिक्षक प्रमोद तिवारी ने पेरेंट्स कलैंडर तथा अभिभावक निर्देशिका के बारे में बताते हुए अभिभावकों से कहा कि बच्चा एक दिन में लगभग 5 घंटे स्कूल में रहता है। वह स्कूल के साथ ही घर पर भी काफी कुछ सीखता है। माता-पिता तथा अभिभावक अपना काम करते-करते कहानी व दूसरी गतिविधियां कराते हुए बच्चों को शिक्षण से जोड़ सकते हैं। उन्होंने घर पर सीखने के तरीकों पर विस्तार से अपनी बात रखी। राजकीय इंटर कालेज जसकोट की शिक्षिका गरिमा राना ने डिजीटल लाइब्रेरी के बारे में बताते हुए कहा कि कोरोना काल ने जहां हमारी दिनचर्या ही बदल दी वहीं कहीं न कहीं कोरोना काल में ग्रामीण बच्चे भी ऑनलाइन शिक्षा से जुड़े हैं। उन्होंने डिजीटल लाइब्रेरी के तहत कई लिंक भी शेयर किए। शिक्षिका ममता भाकुनी ने कहा कि रीडिंग कैंप में आज सुनाई गई कहानी तथा खेल गतिविधियों से भी बच्चों ने काफी कुछ सीखा। उन्होंने कहा कि खेल तथा कहानियां जहां बच्चों का मनोरंजन करती हैं वहीं खेल-खेल में काफी कुछ संदेश देती हैं।
रीडिंग कैंप में प्रमोद तिवारी ने जहां बच्चों को विज्ञान के खेल कराए, वहीं उदय किरौला तथा गरिमा राना ने बच्चों को खेल कराए। बच्चों को कहानी सुनाई गई। इस अवसर पर राजकीय प्राथमिक विद्यालय स्कूल जसकोट के प्रबंध समिति के अध्यक्ष संतोष राम, वसंत सिंह,आनंद राम,बची मनराल,गीता बिष्ट, नेहा बिष्ट,शोभा बिष्ट, सुनीता, पुष्पा कनवाल राधिका देवी सहित जसकोट,उज्यौला के लगभग 27 अभिभावकों ने रीडिंग कैंप में सहभागिता की। रविवार को आयोजित इस कार्यक्रम में गांव के बच्चों ने कुमाउनी परिधान में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए।
बालप्रहरी संपादक उदय किरौला ने बताया कि इससे पहले बिरौड़ा, खत्याड़ी, ओडला तथा गधोली में भी रीड़िग कैंप आयोजित किए गए। 5 रीडिंग कैंप में 184 बच्चों तथा 102 अभिभावकों ने प्रतिभाग किया। 153 बच्चों को पुस्तकें उपहार में दी गई। रीडिंग कैंप कराने में श्रीमती पूनम साह, प्रभा रौतेला, प्रमोद तिवारी, मोतीप्रसाद साहू, जगदीशचंद्र पाठक, डॉ.सतीशचंद्र भट्ट,दीपाली पांडे, भावना रौतेला,सलोनी,रूचि बिष्ट, गीता तिवारी,रमेशचंद्र कांडपाल, सुरेंद्रसिंह बिष्ट, सौरभ जोशी, आरती लटवाल,प्रभा वर्मा,दीपशिखा बिष्ट,रश्मि बिष्ट, गरिमा राना, ममता भाकुनी, प्रमोद तिवारी, जे.पी.आर्या तथा एन.डी.पांडे आदि का सक्रिय सहयोग रहा।