पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार पर संकट के बादल और गहरा गए हैं… सत्ताधारी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को बड़ा झटका लगा है… अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले ही पीटीआई की सहयोगी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान ने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है… एमक्यूएम पी ने विपक्षी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के साथ जाने का फैसला किया है… एमक्यूएम पी के पीटीआई से समर्थन वापस लेने के बाद पीएम इमरान खान की सरकार का जाना तय माना जा रहा है… एमक्यूएम पी के पीटीआई से समर्थन वापस लेने के बाद पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने कहा, ‘संयुक्त विपक्ष और एमक्यूएम पी के बीच समझौता हो गया है… राबता समिति एमक्यूएम पी और पीपीपी सीईसी समझौते की पुष्टि करेगी… इसके बाद हम कल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया को इसके बारे में जानकारी देंगे… बधाई हो पाकिस्तान।’ एमक्यूएम पी के समर्थन वापस लेने के बाद पीटीआई सरकार ने निचले सदन में बहुमत खो दिया है… एमक्यूएम पी के कुल 7 सांसद हैं और सदन में अब पीटीआई समर्थक सांसदों की संख्या घटकर 164 हो गई है… जबकि संयुक्त विपक्ष के 177 सदस्य हो गए हैं… हालत यह हो गई है कि अब विपक्ष को इमरान की पार्टी के बागी सांसदों की भी जरूरत नहीं रह गई है… पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कुल सदस्यों की संख्या 342 है… बहुमत के लिए 172 सांसदों का समर्थन चाहिए… विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर 31 मार्च से बहस शुरू होगी और तीन अप्रैल को वोटिंग होगी…